पंजाब की बाढ़ को लेकर बाजवा का गंभीर आरोप, कहा 'मानव निर्मित आपदा'
पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने शुक्रवार को पंजाब में आई बाढ़ को मानव निर्मित आपदा बताया। पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के बारे में बोलते हुए, उन्होंने राज्य सरकार पर बांधों से पानी छोड़ने के खराब प्रबंधन का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार की बाढ़ राहत निधि अपर्याप्त थी। पत्रकारों से बात करते हुए, प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मैं पंजाब के लोगों को याद दिलाना चाहता हूँ कि विधानसभा, लोकतंत्र का सदन, लोगों की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए है। आज पंजाब में समाज का हर वर्ग पूरी तरह से दुखी है। इसे भी पढ़ें: मान सरकार की बड़ी सौगात: पंजाब के लोगों को 10 लाख तक मुफ्त इलाज, सिर्फ आधार-वोटर कार्ड अनिवार्यप्रताप सिंह बाजवा ने कहा पंजाब के लोग, मेरी पार्टी और मेरा मानना है कि पंजाब की बाढ़ मुख्य रूप से मानव निर्मित आपदा थी। मौसम विभाग ने पंजाब में मई-जून के महीनों में भारी बारिश की चेतावनी दी थी। केंद्रीय जल आयोग बांधों को नियंत्रित करता है। पंजाब को प्राकृतिक आपदाओं के लिए केंद्र से धन मिलता रहा, लेकिन पंजाब ने इस राशि में अपना हिस्सा क्यों नहीं दिया? बाजवा ने प्रश्नकाल और शून्यकाल जैसी चर्चाओं के अभाव के लिए विशेष सत्र की भी आलोचना की।बाजवा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी राज्य को केवल 1600 करोड़ रुपये, यानी 8%, दिए। मेरा मानना है कि सिंचाई मंत्री मान साहब और सिंचाई सचिव व्यक्तिगत रूप से ज़िम्मेदार हैं। अगर उन्होंने धीरे-धीरे पानी छोड़ा होता, तो हमें इतना नुकसान नहीं होता... मान साहब को बताना चाहिए कि अब तक उन्होंने जितने भी विशेष सत्र बुलाए हैं, उनका क्या नतीजा निकला... विधानसभा के इस विशेष सत्र में प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं है। इसे भी पढ़ें: नशे में गाड़ी चलाना सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालयपंजाब सरकार ने राज्य में हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए 26 से 29 सितंबर तक पंजाब विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। 15 सितंबर तक की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में कुल 1,98,525 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जिसमें गुरदासपुर (40,169 हेक्टेयर), पटियाला (17,690 हेक्टेयर), तरनतारन (12,828 हेक्टेयर), फाजिल्का (25,182 हेक्टेयर), फिरोजपुर (17,257 हेक्टेयर) और कपूरथला (17,574 हेक्टेयर) आदि में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह के अनुसार, राज्य भर में बाढ़ के कारण अब तक कुल 56 लोगों की मौत हो चुकी है।

पंजाब की बाढ़ को लेकर बाजवा का गंभीर आरोप, कहा 'मानव निर्मित आपदा'
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कम शब्दों में कहें तो, कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब की हालिया बाढ़ को मानव निर्मित आपदा बताते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस आपदा के लिए बांधों के पानी को छोड़ने के प्रबंधन की कमी को जिम्मेदार बताया। साथ ही, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की बाढ़ राहत निधि असल में अपर्याप्त है।
पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने शुक्रवार को विधानसभा के विशेष सत्र में बोलते हुए कहा कि पंजाब में बाढ़ के हालात किसी प्राकृतिक आपदा से कम नहीं हैं। उनका कहना था कि यह पूरी तरह से मानव निर्मित आपदा है, जो सरकार की असमर्थता का परिणाम है। उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि जब मौसम विभाग ने पहले से भारी बारिश की चेतावनी दी थी, तब भी सरकार ने आवश्यक कदम नहीं उठाए।
केंद्र सरकार की राहत निधि पर सवाल
बाजवा ने केंद्र सरकार की बाढ़ राहत निधि की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य को केवल 1600 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं, जो इसका केवल 8% है। उन्होंने हरदीप सिंह, पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री, को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अगर समय पर पानी छोड़ा गया होता तो नुकसान कम हो सकता था।
विशेष सत्र की आलोचना
बाजवा ने विशेष सत्र को लेकर भी आलोचना की, जिसमें प्रश्नकाल और शून्यकाल का कोई प्रावधान नहीं था। उन्होंने कहा कि विधानसभा का उद्देश्य लोकतंत्र का सदन होना चाहिए, जिसमें लोगों की समस्याओं का समाधान खोजा जा सके। वर्तमान में पंजाब की जनता बाढ़ से प्रभावित है, और हर वर्ग दुखी है।
बाढ़ का व्यापक प्रभाव
पंजाब में आई बाढ़ के चलते, 15 सितंबर तक की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 1,98,525 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है। विभिन्न जिलों में नुकसान भिन्न-भिन्न है, जैसे कि गुरदासपुर, पटियाला, तरनतारन, फाजिल्का और फिरोजपुर में काफी हानि हुई है। इस बाढ़ के कारण, राज्य भर में अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
आगे की कार्रवाई
पंजाब सरकार ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए 26 से 29 सितंबर तक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। इस सत्र का उद्देश्य लोगों तक राहत पहुँचाना और उनकी समस्याओं का समाधान खोजना है।
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इस बाढ़ संकट ने राज्य सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। क्या पंजाब की सरकार इस आपदा को नियंत्रित कर पाएगी? यह देखना दिलचस्प होगा।
सदस्य, टीम The Odd Naari (श्रीमती उपासना शर्मा)