नंदा–सुनंदा योजना में बदलाव: अब अधिक बेटियों को मिलेगा लाभ
The post नंदा–सुनंदा योजना हुई सरल, अब ज़्यादा बेटियों को मिलेगा लाभ appeared first on Avikal Uttarakhand. असहाय बालिकाओं के लिए रायफल क्लब से भी आर्थिक मदद, जागरूकता पर जोर अविकल उत्तराखण्ड देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत गठित जिला टास्कफोर्स की… The post नंदा–सुनंदा योजना हुई सरल, अब ज़्यादा बेटियों को मिलेगा लाभ appeared first on Avikal Uttarakhand.

नंदा–सुनंदा योजना में बदलाव: अब अधिक बेटियों को मिलेगा लाभ
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देहरादून: उत्तराखंड में असहाय बालिकाओं के लिए महत्वपूर्ण खबर! जिलाधिकारी सविन बंसल ने नंदा–सुनंदा योजना को और अधिक सरल बनाने की घोषणा की है। इस नवीनतम पहल के माध्यम से अब अधिक बेटियों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा। इस निर्णय को जिला टास्कफोर्स की हालिया बैठक में स्थापित किया गया, जहाँ बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए प्रभावी कदम उठाने पर जोर दिया गया था।
नंदा–सुनंदा योजना का परिचय
नंदा–सुनंदा योजना का उद्देश्य जरूरतमंद और असहाय बेटियों की शिक्षा में सहायता करना है। यह योजना 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' मुहिम के तहत संचालित की जा रही है। जिलाधिकारी के अनुसार, अब उस स्थिति में जब आर्थिक तंगी के कारण कोई बालिका पढ़ाई छोड़ने का विचार कर रही है, उसे इस योजना के माध्यम से विशेष सहायता प्रदान की जाएगी। यह कदम शिक्षा के प्रति लड़कियों को प्रोत्साहित करेगा।
सरल प्रक्रिया एवं नए बदलाव
लंबे समय से चल रही प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्णय लिया गया है, जिससे अधिक बालिकाएं इस योजना का लाभ उठा सकें। इसके अंतर्गत अब आर्थिक मदद के लिए जिला रायफल क्लब फंड का भी इस्तेमाल किया जाएगा। यह विशेष रूप से उन बालिकाओं के लिए सहायक होगा, जो अपनी पढ़ाई में रुकावट का सामना कर रही हैं।
मुख्य निर्देश एवं उद्देश्य
जिलाधिकारी ने बताया कि ड्रॉपआउट बालिकाओं की पहचान के लिए घर-घर सर्वे किया जाएगा। इसके साथ ही, शिक्षा में उत्कृष्टता दिखाने वाले स्कूलों को सम्मानित करने की योजना बनाई गई है, ताकि अन्य संस्थान भी इनसे प्रेरणा लें सकें। इसके अलावा, अगली पीढ़ी की प्रेरणा देने के लिए बालिकाओं की सफलता की कहानियों को मीडिया में फैलाने का प्रयास किया जाएगा।
विशेष अभियान और कार्यक्रम
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 11वीं और 12वीं कक्षा की छात्राओं को शैक्षिक भ्रमण कराया जाएगा। यह भ्रमण उन्हें करियर के विभिन्न विकल्पों के बारे में सही जानकारी प्रदान करेगा। इसके साथ ही, किशोरी बालिकाओं के पोषण और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अवनी अभियान की शुरुआत की गई है।
सामाजिक जागरूकता का प्रयास
जिलाधिकारी ने कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए बहुउद्देशीय शिविर आयोजित करने पर जोर दिया है। इस संदर्भ में, समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद स्थापित करना आवश्यक है।
आर्थिक सहायता का विस्तार
जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार के अनुसार, अब तक नंदा–सुनंदा योजना के तहत 38 बालिकाओं की पढ़ाई के लिए 13.06 लाख रुपये की फीस भरी गई है। इस विधि में स्तन कैंसर जांच, एनीमिया परीक्षण और कुपोषित बच्चों के लिए पोषण किट का वितरण भी शामिल है।
इस योजना के सरल होने से बेटियों को मिलने वाले लाभ में एक महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावना है। यह कदम अनेक असहाय और जरूरतमंद बेटियों को सशक्त बनने का अवसर प्रदान करेगा।
कम शब्दों में कहें तो, नंदा–सुनंदा योजना के माध्यम से सरकार द्वारा दी जा रही समर्थन को और अधिक प्रभावी और पहुंच योग्य बनाने का प्रयास किया गया है। अधिक से अधिक बेटियों तक इस योजना का लाभ पहुँचाने के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
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Written by: नीतू शर्मा, Team The Odd Naari