देहरादून में एलिवेटेड रोड योजना का विरोध: जनसैलाब उमड़ा
The post एलिवेटेड रोड मंज़ूर नहीं, उमड़ा जनसैलाब appeared first on Avikal Uttarakhand. ‘प्रस्तावित एलिवेटेड रोड से रिस्पना और बिंदाल नदियों का विनाश होगा’ अविकल उत्तराखंड देहरादून। “एलिवेटेड रोड मंज़ूर नहीं!” रैली में रविवार को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और… The post एलिवेटेड रोड मंज़ूर नहीं, उमड़ा जनसैलाब appeared first on Avikal Uttarakhand.

देहरादून में एलिवेटेड रोड योजना का विरोध: जनसैलाब उमड़ा
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कम शब्दों में कहें तो, देहरादून में रविवार को 'एलिवेटेड रोड मंज़ूर नहीं' के नारों के साथ एक बड़ी रैली हुई, जिसमें हजारों लोगों ने अपनी आवाज उठाई।
देहरादून में आयोजित एक विशाल रैली में लोग सड़कों पर उतरे और प्रस्तावित एलिवेटेड रोड परियोजना के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया। स्थानीय निवासियों और विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर यह साबित किया कि वे पर्यावरण के प्रति गंभीर हैं और संसाधनों के अनियोजित उपयोग को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
प्रस्तावित परियोजना पर चिंताएँ
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर यह एलिवेटेड रोड बनाई गई, तो रिस्पना और बिंदाल नदियों का विनाश होगा। इस रास्ते की परियोजना से न केवल पर्यावरण को हानि पहुंचेगी, बल्कि हजारों लोग विस्थापित भी होंगे।
उनका तर्क था कि यह परियोजना शहर में गर्मी और प्रदूषण बढ़ाने के साथ ही पेयजल संकट को भी बढ़ाएगी। ये सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने मांग की कि इस विनाशकारी परियोजना को तुरंत रद्द किया जाए।
आंदोलन का उद्देश्य
इस रैली का उद्देश्य केवल परियोजना का विरोध नहीं था, बल्कि इसके साथ ही कई अन्य मांगें भी उठाई गईं। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि:
- आपदा प्रभावितों का सर्वेक्षण कर मुआवजा दिया जाए।
- रिस्पना और बिंदाल का पुनर्जीवन किया जाए।
- शहर में कम से कम 500 बसें चलाई जाएं।
- महिलाओं, छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए नि:शुल्क बस सेवा उपलब्ध हो।
- शहरी रोजगार गारंटी योजना और किफायती आवास योजना लागू की जाए।
- यातायात सुधार के ठोस कदम उठाए जाएं।
रैली का मार्ग
रैली का आरंभ गांधी पार्क से हुआ, जो दर्शन लाल चौक होते हुए सचिवालय की ओर बढ़ी। हालाँकि, जैसे ही रैली लैंड्सडाउन चौक पहुंची, पुलिस ने इसे रोकने का प्रयास किया। इसके बावजूद, बाद में प्रदर्शनकारियों को कनक चौक तक जाने की अनुमति दी गई।
प्रमुख वक्ताओं की उपस्थिति
इस रैली में कई प्रमुख वक्ता शामिल हुए, जिनमें वरिष्ठ पर्यावरणविद डॉ. रवि चोपड़ा, अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी, और सिटीजन्स फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोरा शामिल थे। उन्होंने जनता को संबोधित किया और विरोध के कारणों के बारे में विस्तार से बताया।
रैली के दौरान, उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत ने संचालन किया और सभी को एकजुट रहने तथा अपने अधिकारों के लिए लड़ने का संदेश दिया।
समापन और भविष्य की योजनाएँ
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि वे इस आंदोलन को और मजबूत बनाएंगे जब तक कि 'विनाशकारी परियोजना' रद्द नहीं हो जाती। इस प्रकार, यह जनसैलाब मानवीय संवेदनाओं के प्रति एक नई चेतना को प्रदर्शित करता है।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि यदि सरकार ने इस मौके पर सही निर्णय नहीं लिया, तो यह आंदोलन और भी बड़ा आकार ले सकता है।
ये सभी बातें दिखाती हैं कि आम जनता अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार है और पर्यावरण के लिए खड़ी होने की आवश्यकता महसूस कर रही है।
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सादर,
टीम द ओड नाारी