तेजस्वी यादव की 'डबल पहचान' पर बवाल, Sambit Patra ने कहा- यह बड़ा भ्रष्टाचार है!

बिहार में राजनीतिक विवाद तब गहरा गया, जब राजद नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया कि बिहार की मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया गया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। हालांकि, उनके इस आरोप को चुनाव आयोग और पटना के डीएम ने तुरंत खारिज कर दिया।तेजस्वी के पास दो EPIC नंबर?इस मामले में तब नया मोड़ आया जब तेजस्वी के दो अलग-अलग EPIC (इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड) नंबर सामने आए। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने जिस EPIC नंबर का इस्तेमाल किया था, वह आज भी मतदाता सूची में दर्ज है। वहीं, तेजस्वी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो EPIC नंबर दिखाया, वह चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। इसे भी पढ़ें: Maharashtra में सनातन पर घमासान, Jitendra Awhad ने छेड़ा संग्राम, भाजपा-शिवसेना ने जताई कड़ी आपत्तिबीजेपी ने की कार्रवाई की मांगइस खुलासे के बाद बीजेपी और एनडीए नेताओं ने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कहा, "तेजस्वी यादव झूठ बोल रहे हैं, उनका नाम और EPIC नंबर मौजूद है।" पात्रा ने यह भी सवाल उठाया कि तेजस्वी के पास दो EPIC नंबर कैसे हो सकते हैं, और क्या उनके पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं। उन्होंने इसे एक जघन्य अपराध बताते हुए चुनाव आयोग से इस मामले की गहन जांच करने और तेजस्वी के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। #WATCH | दिल्ली: भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा, "राजद नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक प्रेस वार्ता की। प्रेस वार्ता का मूल उद्देश्य था कि शुक्रवार, 1 अगस्त ने जो SIR के पश्चात इलेक्टोरल रोल जारी किया था उसको लेकर भ्रम फैलाना। तेजस्वी यादव ने कहा कि इस… pic.twitter.com/k35vWX0rSS— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 3, 2025

तेजस्वी यादव की 'डबल पहचान' पर बवाल, Sambit Patra ने कहा- यह बड़ा भ्रष्टाचार है!
Tejashwi Yadav की 'डबल पहचान' पर बवाल, Sambit Patra बोले- यह जघन्य अपराध!

तेजस्वी यादव की 'डबल पहचान' पर बवाल, Sambit Patra ने कहा- यह बड़ा भ्रष्टाचार है!

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कम शब्दों में कहें तो, बिहार में तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची से हटाए जाने का दावा राजनीतिक विवाद का केन्द्र बन गया है। उन्होंने इस मुद्दे को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए चुनाव आयोग पर प्रश्न उठाए हैं, लेकिन चुनाव आयोग सहित पटना का जिला प्रशासन उनके आरोपों को सिरे से नकार रहा है।

तेजस्वी के पास दो EPIC नंबर की कहानी

इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब तेजस्वी यादव के दो अलग-अलग EPIC (इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड) नंबर सामने आए। चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया कि जो EPIC नंबर तेजस्वी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किया था, वह अब भी मतदाता सूची में सक्रिय है। दूसरी ओर, प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी द्वारा दिखाया गया EPIC नंबर चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं पाया गया।

संबित पात्रा ने उठाए गंभीर सवाल

यह खुलासा होते ही भाजपा और एनडीए नेताओं ने तेजस्वी यादव पर आक्रमकता से हमला बोला है। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा, "तेजस्वी यादव स्पष्ट झूठ बोल रहे हैं, उनका नाम और EPIC नंबर वैध हैं।" उन्होंने सवाल उठाया कि क्या तेजस्वी के पास सचमुच दो वोटर आईडी कार्ड हैं और यदि ऐसा है तो यह जघन्य अपराध है। पात्रा ने चुनाव आयोग से इस मामले की गहन जांच करने और तेजस्वी के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है।

भाजपा ने कहा है कि इस तरह के आरोप लोकतंत्र को कमजोर करते हैं और इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। न केवल इस विवाद ने तेजस्वी और भाजपा के बीच राजनीतिक खींचतान को बढ़ा दिया है, बल्कि इससे मतदाता और आम जनता के बीच भी असमंजस की स्थिति उत्पन्न हुई है।

तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया

तेजस्वी यादव ने अपने आरोपों को प्रमाणित करने के लिए कई दस्तावेज़ पेश किए हैं, लेकिन भाजपा के नेता उन दस्तावेजों को एक साजिश मानते हैं। तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह एक सुनियोजित साजिश है जिसका उद्देश्य मुझे राजनीतिक रूप से कमजोर करना है।" उन्होंने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं और अपनी शिकायतों की गहन जांच की मांग की है।

चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल

इस विवाद ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। क्या आयोग की निरीक्षण प्रणाली में कोई कमी है? क्या ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए? यह कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब मिलने की आशा है। पार्टी के दूसरे नेता इस मामले को जिस प्रकार सामने ला रहे हैं, वह वास्तव में जांच का विषय है।

निष्कर्ष

बिहार की राजनीति में यह मामला एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है। इससे आने वाले चुनावों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। तेजस्वी यादव की 'डबल पहचान' पर उठ रहे सवाल अब राजनीतिक संवाद का हिस्सा बन चुके हैं और सभी की निगाहें चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रहती हैं।

राजनीति में इस तरह के विवादों से बचने के लिए सभी दलों को अपनी स्थिति को स्पष्ट करना होगा। हंगामेदार माहौल में जनता सच्चाई जानने के लिए उत्सुक है। आगे की अपडेट्स के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। अधिक जानकारी के लिए, यहां क्लिक करें.

सादर,
टीम द ओड नारी