जेएनयू में रावण दहन पर हंगामा, पुतले पर उमर खालिद और शरजील की तस्वीर लगने से विवाद

Ravan Dahan JNU: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान जमकर हंगामा हुआ. ABVP और लेफ्ट विंग के छात्र आमने सामने हो गए. आरोप है कि आइसा, एसएफआई और डीएसएफ जैसे वामपंथी छात्र संगठनों ने विसर्जन में शामिल विद्यार्थियों को चप्पलें दिखाई और आपत्तिजनक बातें की. The post जेएनयू में रावण दहन के दौरान विवाद, पुतले पर उमर खालिद और शरजील की फोटो लगाने पर बवाल appeared first on Prabhat Khabar.

जेएनयू में रावण दहन पर हंगामा, पुतले पर उमर खालिद और शरजील की तस्वीर लगने से विवाद
जेएनयू में रावण दहन पर हंगामा, पुतले पर उमर खालिद और शरजील की तस्वीर लगने से विवाद

जेएनयू में रावण दहन पर हंगामा, पुतले पर उमर खालिद और शरजील की तस्वीर लगने से विवाद

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कम शब्दों में कहें तो, जेएनयू में रावण दहन के दौरान ABVP और लेफ्ट विंग के छात्रों के बीच तीखी झड़प हुई, जो कि उमर खालिद और शरजील इमाम की तस्वीरें पुतले पर लगाकर विवाद खड़ा करने के कारण हुई।

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में आयोजित रावण दहन समारोह के दौरान हंगामे का माहौल बन गया। बीते गुरुवार को, ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) और वामपंथी छात्र संगठनों, जैसे आइसा (आधारभूत एकता सभा), एसएफआई (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) और डीएसएफ (डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन) के बीच कहासुनी हुई।

ABVP और लेफ्ट विंग के छात्रों के बीच टकराव

ABVP के छात्रों ने आरोप लगाया कि वाम छात्र संगठनों ने रावण दहन के कार्यक्रम में जानबूझकर रुकावट डाली। ABVP नेता प्रवीण कुमार ने इस पूरे मामले को लेकर कहा कि वाम संगठनों का उद्देश्य केवल उत्पात मचाना था। विवाद का मुख्य कारण रावण के पुतले में लगे फोटो थे। पुतले के दस सिरों पर उमर खालिद, अफजल गुरु, और शरजील इमाम की तस्वीरें लगी थीं, जिससे एबीवीपी के छात्र भड़क गए।

वामपंथी छात्रों का पक्ष

वामपंथी छात्रों का कहना है कि उनका विरोध विसर्जन के समारोह को लेकर नहीं था, बल्कि रावण के पुतले में लगे उमर खालिद और शरजील इमाम की तस्वीरों के खिलाफ था। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं का केस अदालत में चल रहा है, और ऐसे में उन्हें सार्वजनिक रूप से दोषी ठहराना गलत है।

क्या है राजनीतिक पृष्ठभूमि?

जेएनयू में इस तरह के विवाद नई बात नहीं हैं। विश्वविद्यालय हमेशा से राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। अक्सर यहाँ पर विभिन्न विचारधाराओं के छात्र समूह एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो जाते हैं, जो कि देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हाल ही में, छात्रों के बीच इस तरह की गतिविधियों से यह स्पष्ट होता है कि विश्वविद्यालय में विचारधारा पर बहस और संघर्ष जारी है।

महत्वपूर्ण बातें और आगे की स्थिति

इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या जेएनयू में छात्रों के बीच आपसी सहिष्णुता खत्म हो चुकी है? क्या विश्वविद्यालय का वातावरण राजनीति के लिए सुरक्षित जगह बना रहेगा? इन सवालों के जवाब समय ही बताएगा, लेकिन इस घटना ने यह साबित कर दिया कि राजनीतिक विचारधाराएं यहाँ कितनी गहरी हो चुकी हैं।

फिलहाल, जेएनयू प्रशासन को इस पूरी स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो। आने वाले समय में, इस तरह के मुद्दों पर छात्र संगठनों के बीच और संवाद की आवश्यकता है।

सीधे शब्दों में कहें तो, इस विवाद ने साबित कर दिया है कि छात्र राजनीति में जरा भी हल्की सी चिंगारी एक बड़े बवाल का कारण बन सकती है।

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साभार, टीम द ओड् नारी