ग्राफिक एरा की जिद ने परिवार की जान बचायी: एक अद्वितीय कहानी
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ग्राफिक एरा की जिद ने परिवार की जान बचायी: एक अद्वितीय कहानी
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By Priya Sharma | Team The Odd Naari
धराली आपदा: साहस और जिद की कहानी
कम शब्दों में कहें तो, एक युवा लड़की की जिद ने उसके परिवार के जीवन को एक नई दिशा दी है। यह कहानी उत्तराखंड के धराली क्षेत्र की है, जहाँ जाह्नवी पंवार नाम की एक छात्रा ने अपनी पारिवारिक स्थिति के बीच जिद पकड़ रखी थी कि उसके माता-पिता को ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के साथ जाना है। हाल ही में हुई प्रलयकारी आपदा ने एक अनावश्यक जटिलता को जन्म दिया, लेकिन जाह्नवी की जिद ने उसके परिवार की जान बचा ली।
ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय का दान
जाह्नवी के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। उनके पिता का होटल और सेब का बगीचा, जो परिवार का मुख्य सहारा था, आपदा में पूरी तरह से विनष्ट हो गए। अगर जाह्नवी अपनी जिद पर डटी नहीं रहती और माता-पिता को ले जाने के लिए नहीं कहती, तो इसका परिणाम संभवतः बेहद बुरा होता। इस स्थिति में, ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय ने अपनी संवेदनशीलता दिखाई और जाह्नवी की शिक्षा को निःशुल्क करने का निर्णय लिया। विश्वविद्यालय के अध्यक्ष, डॉ. कमल घनशाला ने जाह्नवी के परिवार से फोन पर बात की और अपनी सहानुभूति व्यक्त की।
एकजुटता का महत्व
जाह्नवी की जिद ने न केवल उसके परिवार की सुरक्षा को सुनिश्चित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे एकजुटता और सामुदायिक सहयोग जीवन को सुरक्षित रख सकता है। डॉ. कमल घनशाला ने यह भी कहा कि यदि उन्हें अन्य प्रभावित परिवारों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है, तो ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय और छात्रों की मदद करने के लिए और भी कई कदम उठाने के लिए तैयार है। यह दर्शाता है कि शिक्षा ही नहीं, बल्कि मानवता के प्रति जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण है।
डॉ. कमल घनशाला की समाज सेवा
डॉ. घनशाला ने पिछले वर्षों में उत्तरकाशी और केदारनाथ आपदाओं में भी योगदान दिया है। ऐसे कार्यों के कारण वे स्थानीय समुदाय में आदर्श के रूप में पाये जाते हैं। हाल ही में, रैंणी (जोशीमठ) में हुई आपदा से प्रभावित एक वृद्ध महिला को भी ग्राफिक एरा द्वारा नया मकान दिया गया है। उनके इस प्रकार के कार्यों को समुदाय की ओर से हमेशा सराहा गया है।
निष्कर्ष
यह घटना एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि जब हम अपनी जिद और संकल्प के साथ खड़े रहते हैं, तब जीवन की कठिनाइयाँ आसान हो जाती हैं। जाह्नवी पंवार की कहानी हमें बताती है कि शिक्षा, सामूहिक सहयोग और सहायता से कितनी बड़ी समस्याएँ हल की जा सकती हैं। युवा पीढ़ी को ऐसे अनुसरणीय उदाहरणों से प्रेरित होना चाहिए और समाज की भलाई में योगदान देना चाहिए।
इस प्रेरक कहानी ने हमें यह भी सिखाया है कि आगे बढ़ने का रास्ता कभी भी बंद नहीं होता, बशर्ते उसमें आपकी अपनी जिद और सामर्थ्य हो।
फिर से एक बार, इस घटना ने साबित किया है कि एकजुटता और सहयोग से बड़े से बड़े संकट का सामना किया जा सकता है।