खूनीगाड़ नहर में गूल निर्माण में करोड़ों का घोटाला, जांच की मांग

पुरोला, 22 जून 2025 | रिपोर्ट: नीरज उत्तराखंडी उत्तरकाशी जनपद के मोरी ब्लॉक स्थित खूनीगाड़ नहर में गूल निर्माण कार्य को लेकर गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। किसानों ने आरोप लगाया है कि एक ही नहर पर बार-बार योजनाएं दिखाकर लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन नहर से अब तक पानी की एक […] The post बड़ी खबर: खूनीगाड़ नहर में गूल निर्माण को लेकर करोड़ों के गड़बड़झाले का आरोप। जांच की मांग appeared first on पर्वतजन.

खूनीगाड़ नहर में गूल निर्माण में करोड़ों का घोटाला, जांच की मांग
बड़ी खबर: खूनीगाड़ नहर में गूल निर्माण को लेकर करोड़ों के गड़बड़झाले का आरोप। जांच की मांग

खूनीगाड़ नहर में गूल निर्माण में करोड़ों का घोटाला, जांच की मांग

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पुरोला, 22 जून 2025 | रिपोर्ट: नीरज उत्तराखंडी उत्तरकाशी जनपद के मोरी ब्लॉक स्थित खूनीगाड़ नहर में गूल निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का मामला ठोस रूप से सामने आया है। किसान समुदाय ने खुलासा किया है कि एक ही नहर पर बार-बार योजनाओं का प्रचार करके लाखों रुपये खर्च किए गए हैं, जबकि नहर से अब तक पानी की एक बूंद तक उपलब्ध नहीं हुई है। यह समस्या किसानों के लिए केवल आर्थिक कठिनाइयों का कारण नहीं बल्कि भावनात्मक तनाव का भी श्रोत बन चुकी है।

क्या है मामला?

खूनीगाड़ नहर के निर्माण कार्य में पिछले कई वर्षों से धन की बर्बादी हुई है। किसानों का स्पष्ट आरोप है कि ठेकेदारों ने गूल निर्माण में असामान्य अनियमितताएं की हैं और रखी गई राशि का दुरुपयोग हुआ है। कई बार बिना किसी ठोस प्रमाण के कार्यक्रमों का प्रचार भी किया गया जिससे और ज्यादा वित्तीय अनियमितता का संकेत मिलता है। किसानों ने सख्त मांग की है कि इस मामले की बिना किसी पक्षपात की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए ताकि दोषियों को कड़ी सजा मिल सके।

किसानों की पीड़ा

इस परियोजना के तहत पानी की आपूर्ति करने के जो वादे किए गए थे, किसानों का कहना है कि वे अब तक महज एक शोभा संदेश साबित हुए हैं। जिन स्थानीय कृषकों के खेत इस नहर पर निर्भर हैं, वे पानी की अनुपलब्धता के चलते अपनी फसलें बर्बाद होते देख रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कृषि उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। किसान संगठनों ने एकजुट होकर सरकार से त्वरित और ठोस कदम उठाने की मांग की है।

सरकार और प्रशासन की भूमिका

हालांकि यह मामला गहराई से प्रभावित किसानों के सन्दर्भ में बहुत संवेदनशील है, स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि यह घोटाला केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि व्यवस्था की बुराइयों का प्रतीक है। इस पूरे मामले में जरूरी है कि पानी आपूर्ति की समस्या का समाधान निकाला जाए और जांच की प्रक्रिया में निष्पक्षता बढ़ाई जाए।

क्या होगी आगे की कार्रवाई?

अब किसान संगठनों ने एक साथ आने और अपनी आवाज उठाने का फैसला लिया है। वे जनसभा का आयोजन करेंगे जहाँ अपने विचारों और चिंताओं को साझा करेंगे। उनका मुख्य उद्देश्य नहर में पानी की सुनिश्चित आपूर्ति की मांग करना है साथ ही ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है। जो उम्मीदें किसान लोगों ने रखी थीं, वे अब निराशा में बदल चुकी हैं, और उनकी आशा केवल न्याय की प्राप्ति में ही निहित है।

निष्कर्ष

खूनीगाड़ नहर के साथ जुड़ा यह मामला केवल जल आपूर्ति की समस्या को नहीं दर्शाता, बल्कि यह भ्रष्टाचार और प्रशासनिक कुप्रबंध को भी उजागर करता है। यह आवश्यक है कि सरकार तत्काल स्थिति की जांच करें और सही ठेकेदारों को पहचान कर प्रभावित किसानों की सहायता करें। जब तक इस मुद्दे की गहराई को नहीं समझा जाएगा, तब तक किसानों की समस्याएं बढ़ती जाएंगी। अब किसानों को अपने हक के लिए संघर्ष करना होगा।

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