खाने को नहीं दाने, शहबाज चले चांद पर नया पाकिस्तान बसाने, वहां की जनता भी भड़क उठी- बेवकूफ बनाना बंद करो!
दाने दाने को मोहताज पाकिस्तान वैसे तो अपने मुल्के को चलाने के लिए कभी आईएमएफ तो कभी वर्ल्ड बैंक के पास कटोरा लेकर मदद की भीख लेने चला जाता है। अगर उधर से कुछ खास मदद न मिली तो अपने मुल्क के कई जगहों को चीन के पास गिरवी रखने और उसके एवज में मोटा कर्ज लेने में लग जाता है। आपने वो कहावत तो खूब सुनी होगी कि घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने अब इसी को पाकिस्तान सच साबित करने में लगा है। फूटा कटोरा लेकर दुनिया से भीख मांगने वाला पाकिस्तान चांद पर पहुंचने का सपना देख रहा है।शहबाज चांद पर नया पाकिस्तान बसाने का ख्वाब देख रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान की जनता को शहबाज के इस मून मिशन पर भरोसा नहीं है। इसे भी पढ़ें: हथकड़ी लगा भारतीयों को भेजे जाने के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे पर आई नई खबर, जानें विदेश मंत्रालय ने क्या बतायाखबर ये है कि पाकिस्तान में चीन की मदद से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर भेजने का ऐलान किया है। पाकिस्तान और चीन ने मिलकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर भेजने का ऐलान किया है। इस रोवर को पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी सुब्रार्को बना रही है। ये दावा वही कंगाल पाकिस्तान कर रहा है जिसकी जेब में मुल्क का राशन पानी मंगवाने के लिए भी पूरे पैसे नहीं हैं। इसलिए पाकिस्तानी आवाम भी शहबाज का मजाक बना रही है। चांद के सपने देख रहे शहबाज को पाकिस्तानी आवाम कोस रही है। पाकिस्तान में लोगों को मून मिशन नहीं बल्कि रोटी और बिरयानी चाहिए। शहबाज ने हवा हवाई सपना दिखाकर चांद पर जाने की बात की। लेकिन पाकिस्तानियों को अपने पीएम के दावे पर जरा भी भरोसा नहीं है। इसे भी पढ़ें: सभी ट्रंप के भेजे अवैध प्रवासियों में लगे थे, इधर LoC पर पड़ोसी देश की सेना ने कर दी नापाक हरकत, भारतीय जवानों ने 7 को किया ढेरपाकिस्तान के दावे के मुताबिक शहबाज ने चंद्रमा पर रोवर भेजने के लिए चीन की अंतरिक्ष एजेंसी के साथ समझौता किया है। इस समझौते पर पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने दस्तखत किए हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस समझौते के तहत, पाकिस्तान का पहला स्वदेशी रूप से विकसित चंद्र रोवर चीन के चांग-8 मिशन का हिस्सा होगा, जो 2028 में लॉन्च होने वाला है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान अपने रोवर को स्वतंत्र रूप से चंद्रमा पर नहीं भेजेगा - इसके बजाय, चीन इसे वहां पहुंचाएगा। क्या है चीन का चांग'ई-8 मिशन?चीन की अंतरिक्ष एजेंसी, सीएनएसए (चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) ने ऑन-साइट वैज्ञानिक अनुसंधान करने, नई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का सत्यापन करने और चंद्र सतह का मानचित्रण करने के लक्ष्य के साथ चांग’ई-8 मिशन को डिजाइन किया है। इस मिशन में पाकिस्तान की भागीदारी को देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन (ILRS) पहल में इसके योगदान के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर माना जाता है। हालाँकि पाकिस्तान ने भारत से पहले अपनी अंतरिक्ष एजेंसी (SUPARCO) की स्थापना की, लेकिन उसने अभी तक अंतरिक्ष अन्वेषण में कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल नहीं की है। इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में 12 आतंकवादी मारे गएचांग'ई-8 मिशन में पाकिस्तान की भूमिकापाकिस्तान का सुपारको चंद्र रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर तैनात किया जाएगा, जो अपने अद्वितीय वातावरण के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भविष्य के कई अंतरिक्ष मिशनों की भी योजना बनाई गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, SUPARCO वैज्ञानिकों ने एक उन्नत पेलोड विकसित किया है जिसे रोवर के जरिए चंद्रमा पर भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त, मिशन चीनी और यूरोपीय वैज्ञानिकों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से डिजाइन किया गया एक वैज्ञानिक पेलोड ले जाएगा। पाकिस्तानी वैज्ञानिकों ने रोवर विकसित करने के लिए चीनी विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम किया, जो चंद्रमा की सतह का गहन विश्लेषण करेगा।

खाने को नहीं दाने, शहबाज चले चांद पर नया पाकिस्तान बसाने, वहां की जनता भी भड़क उठी- बेवकूफ बनाना बंद करो!
The Odd Naari
लेखक: सुमन कुमारी, टीम नीतानागरी
परिचय
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में चांद पर नया पाकिस्तान बसाने का प्रस्ताव पेश किया है, जिससे न केवल भारत के पड़ोसी देश में विवाद खड़ा हो गया है, बल्कि वहां की जनता भी इस बात से नाराज हो उठी है। जब पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दयनीय है, तब शहबाज का यह कदम लोगों के गुस्से का कारण बन गया है। जी हाँ, जनता का कहना है कि पहले यहां की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया जाए, फिर चांद पर जाने की सोचें।
चांद पर बस्तियों की योजना
शहबाज शरीफ द्वारा चांद पर बस्तियों की योजना की घोषणा करते ही यह खबर तेजी से फैल गई। उन्होंने कहा कि यह नया उपक्रम न केवल पाकिस्तान के लिए उपलब्धियों की श्रृंखला में एक नया अध्याय होगा, बल्कि यह विज्ञान और तकनीक की एक नई ऊँचाई भी बनाएगा। लोग अब यह सवाल उठा रहे हैं कि जब देश में महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याएँ हैं, तब ऐसी योजनाएं किस तरह से फायदेमंद होंगी?
जनता की प्रतिक्रियाएँ
पाकिस्तानी जनता ने इस प्रस्ताव पर अपनी तीखी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। लोगों का कहना है कि शहबाज को अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "पहले अपने लोगों को खाना दो, फिर चांद पर जाकर बसने का सपना देखो!"। इस प्रकार की प्रतिक्रियाएँ सोशल मीडिया पर तेजी से साझा की जा रही हैं, और यह स्पष्ट है कि जनता इस विषय पर काफी चिंतित है।
आर्थिक संकट का सामना
पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसमें महंगाई दर रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गई है। आम आदमी की रोजी-रोटी संकट में है। ऐसे में चांद पर बस्ती बसाने की योजना को लेकर लोगों का गुस्सा समझ में आता है। इसके मद्देनजर, शहबाज को यह समझने की आवश्यकता है कि उन्हें पहले देश के अंदर समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
निष्कर्ष
आखिरकार, शहबाज का यह चांद की ओर यात्रा करने का विचार न केवल व्यंग्यात्मक है, बल्कि यह पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को और भी बदतर कर सकता है। स्थानीय लोग पहले से ही असंतोष में हैं और इस प्रकार के बयानों से मात्र स्थितियों में सुधार की बजाय और गिरावट देखने को मिल रही है। उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे के प्रति गंभीरता से विचार करेगी और अपने लोगों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देगी।
कुल मिलाकर, यह स्पष्ट है कि जब तक देश में बेसिक सुविधाएँ ठीक नहीं होंगी, तब तक ऐसे प्रयासों का कोई भी सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।