क्या उमर अब्दुल्ला का पानी न देने का विरोध पाकिस्तानी परस्ती है? जानें खुद!
डॉ. मयंक चतुर्वेदी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार की उस योजना को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें सिंधु प्रणाली की पश्चिमी नदियों के अतिरिक्त जल को जम्मू-कश्मीर से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान भेजने के लिए नहर बनाने की बात की गई थी। वर्तमान संदर्भों में उमर का कहना है कि […] The post पंजाब, हरियाणा, राजस्थान को पानी न देना उमर अब्दुल्ला की पाकिस्तान परस्ती तो नहीं! first appeared on Apka Akhbar.

क्या उमर अब्दुल्ला का पानी न देने का विरोध पाकिस्तानी परस्ती है? जानें खुद!
कम शब्दों में कहें तो, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में केंद्र सरकार की योजना को पूरी तरह से खारिज किया है, जिसमें सिंधु प्रणाली की पश्चिमी नदियों के अतिरिक्त जल को जम्मू-कश्मीर से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान भेजने के लिए नहर बनाने का सुझाव दिया गया था। यह बयान अब चर्चा का केंद्र बन गया है। क्या यह सिर्फ राजनीति है या इसके पीछे कुछ और कारण हैं? आइए इस मुद्दे को गहराई से समझने का प्रयास करते हैं।
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उमर अब्दुल्ला का बयान: पृष्ठभूमि और तथ्य
उमर अब्दुल्ला ने अपने हालिया बयान में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित योजना ने जम्मू-कश्मीर के जल संसाधनों के उपयोग से संबंधित विभिन्न पहलुओं को नजरअंदाज किया है। उनका मानना है कि यह योजना जम्मू-कश्मीर की स्थायी जल आपूर्ति और विकास को खतरे में डाल सकती है। साथ ही, उन्होंने यह भी निरूपित किया कि इस योजना का एक संभावित निहितार्थ पाकिस्तान के प्रति झुकाव हो सकता है, जो एक नया विवाद उत्पन्न कर सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और समाजिक समर्थन
उमर अब्दुल्ला का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। कई राजनीतिक दलों ने उनके विचारों का समर्थन किया है, यह कहते हुए कि यह निर्णय सिर्फ जम्मू-कश्मीर की नहीं, बल्कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान का जल संकट सुलझाने का प्रयास है। सवाल यह उठता है कि क्या जल संकट का समाधान सिर्फ जल को बांटने से किया जा सकता है, या इसके लिए दीर्घकालिक योजनाओं की आवश्यकता है? यही बिंदु विचारणीय है।
पाकिस्तान की भूमिका और जल विवाद
भारत और पाकिस्तान के बीच जल विवाद एक गहरा विषय है। कई बार इन दोनों देशों के बीच जल बंटवारे को लेकर विवाद उत्पन्न हो चुके हैं। उमर अब्दुल्ला का कहना है कि इस योजना में पाकिस्तान के दृष्टिकोण को समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है। पानी के संसाधनों का सही उपयोग न केवल आस-पास के राज्यों के लिए, बल्कि समग्र राष्ट्र की स्थिरता के लिए भी अनिवार्य है।
समापन विचार और फैसले की आवश्यकता
उमर अब्दुल्ला का विवादास्पद बयान यह दर्शाता है कि जल विवाद अब केवल एक राज्य का मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह अनेक राजनीतिक संकटों को जन्म देता है। क्या हमें सोच-समझकर इसे हल करने के उपाय खोजने चाहिए, या केवल राजनीतिक लाभ के लिए बयानों का उपयोग करना चाहिए? इस समय, यह आवश्यक है कि हम जल प्रबंधन की दिशा में ठोस और दीर्घकालिक कदम उठाएं।
यह लेख टीम The Odd Naari द्वारा लिखा गया है।