उत्तराखण्ड ने केंद्र से 5702.15 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज मांगा
The post उत्तराखण्ड ने केंद्र से मांगा 5702.15 करोड़ का आर्थिक पैकेज appeared first on Avikal Uttarakhand. एनडीएमए को सौंपा विस्तृत ज्ञापन, 8 सितम्बर को आएगी केंद्रीय टीम अविकल उत्तराखण्ड देहरादून। आपदा प्रबंधन विभाग ने इस वर्ष मानसून के दौरान हुई क्षति की प्रतिपूर्ति तथा भविष्य में… The post उत्तराखण्ड ने केंद्र से मांगा 5702.15 करोड़ का आर्थिक पैकेज appeared first on Avikal Uttarakhand.

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उत्तराखण्ड ने केंद्र से 5702.15 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज मांगा
कम शब्दों में कहें तो उत्तराखण्ड सरकार ने केंद्र सरकार से 5702.15 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज मांगा है, ताकि मानसून के दौरान हुई क्षतियों का मुआवजा दिया जा सके और भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए तैयारी की जा सके।
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून: उत्तराखण्ड सरकार ने इस वर्ष मानसून के दौरान आयी प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार से 5702.15 करोड़ रुपये की विशेष आर्थिक सहायता की मांग की है। इस संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग ने गुरुवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु और सचिव विनोद कुमार सुमन ने हस्ताक्षर किए।
ज्ञापन में बताया गया है कि मानसून के दौरान उत्तराखण्ड में धराली, थराली जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ा है, जिसने राज्य में व्यापक क्षति पहुचाई है। एनडीएमए के विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह और सचिव मनीष भारद्वाज ने उत्तराखण्ड को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। उनका कहना था कि ‘‘भारत सरकार इस संकट की घड़ी में राज्य के साथ खड़ी है और सभी उपलब्ध सहयोग प्रदान करेगी।’’
क्षतियों का आकलन
सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि विभिन्न विभागों को आंधी, तूफान और भारी बारिश की वजह से लाखों का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1163.84 करोड़, सिंचाई विभाग को 266.65 करोड़, ऊर्जा विभाग को 123.17 करोड़ और स्वास्थ्य विभाग को 4.57 करोड़ का नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर सभी विभागों को लगभग 1944.15 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।
इस नुकसान की भरपाई के लिए आवश्यक राशि के साथ-साथ, 3758 करोड़ रुपये की मांग की गई है, ताकि भविष्य में फिर से किसी संभावित आपदा से बचा जा सके। यह राशि आपदा से प्रभावित किसी भी वस्तु के पुनर्निर्माण, मरम्मत और सहायता के लिए उपयोग की जाएगी।
आपदाओं का मानवीय प्रभाव
वर्ष 2025 (1 अप्रैल से 31 अगस्त) के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के कारण 79 लोगों की जान गई, 115 लोग घायल हुए और 90 लोग लापता हैं। इसके अलावा, 3953 छोटे और बड़े पशुओं की मौत हो गई है। 238 पक्के एवं 2835 गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त भवनों की भी पहचान की गई है। इसके अलावा, कई व्यवसायिक और गैर-व्यवसायिक संरचनाओं को नुकसान पहुंचा है। यह सब बेहद चिंताजनक है और मानवीय दृष्टिकोण से गंभीर स्थिति पैदा करता है।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री ने भी राहत देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह केंद्र में आपदा के समय उत्तराखंड के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए केंद्र से सहयोग मांगने पर जोर दिया है। इसका उद्देश्य है कि प्रभावित परिवारों को त्वरित सहायता मिल सके और उनकी आजीविकाओं की बढ़ती चिंता से निपटा जा सके।
ज्ञापन की तैयारी
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से एनडीएमए और भारत सरकार के अधिकारियों के साथ संपर्क में रहकर ज्ञापन तैयार किया। इस ज्ञापन में सभी आवश्यक पहलुओं पर विचार किया गया है, जिसमें आपदा प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति को पुनर्वास की आवश्यकता, आपदा राहत और पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक आर्थिक सहयोग शामिल है।
केंद्रीय टीम का दौरा
8 सितम्बर को, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बनाई गई एक केंद्रीय टीम उत्तराखण्ड का दौरा करने वाली है। यह टीम राज्य में वर्ष 2025 के दौरान आई आपदाओं के वास्तविक प्रभाव का आकलन करेगी। टीम के सदस्यों में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे, जो प्रभावित जनपदों का दौरा कर स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन करेंगे।
राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है ताकि केंद्रीय टीम को मौके पर जाकर राहत कार्यों का आकलन करने में सुविधा हो सके।
इसके अलावा, एनडीएमए के अधिकारियों ने भी वार्ता के दौरान ज्ञापन में की गई मांगों को संतोषजनक बताया है और आश्वासन दिया है कि राज्य को हर संभव आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
आगे के लिए, हम आशा करते हैं कि केंद्र सरकार जल्द ही उत्तराखण्ड के इस कठिन समय में आर्थिक सहायता प्रदान करने में तत्पर होगी, ताकि राज्य फिर से अपने पांवों पर खड़ा हो सके।
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Signed off by: नेहा शर्मा, टीम The Odd Naari