उत्तराखंड: आपदा प्रभावित पाटा गांव के पुनर्वास की नई योजना
The post आपदा प्रभावित पाटा गांव के पुनर्वास का बी-प्लान तैयार appeared first on Avikal Uttarakhand. जियोलॉजिकल सर्वे और टीएचडीसी तैयार करेंगे पुनर्वास डिज़ाइन डीएम ने ग्राउंड जीरो पर देखीं आपदा जनित समस्याएं जजरेट स्लोप पर तत्काल स्वीकृति अविकल उत्तराखण्ड देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने शुक्रवार… The post आपदा प्रभावित पाटा गांव के पुनर्वास का बी-प्लान तैयार appeared first on Avikal Uttarakhand.

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Written by Priya Sharma and Anita Verma, Team The Odd Naari.
आपदा प्रभावित पाटा गांव के पुनर्वास का बी-प्लान तैयार
भूमिका
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के पाटा गांव में हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए एक बी-प्लान तैयार किया गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल की निगरानी में बन रही यह योजना प्रभावित परिवारों को खास राहत प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। इस लेख में, हम पुनर्वास उपायों की संभावनाओं और उनके महत्व को विस्तार से समझेंगे। अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक करें.
जियोलॉजिकल सर्वे एवं डिज़ाइन तैयार
पाटा गांव में हाल में हुए भूस्खलनों के कारण स्थानीय निवासियों को पर्याप्त कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। इन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए, जियोलॉजिकल सर्वे और टीएचडीसी (थर्मल पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) ने मिलकर पुनर्वास डिज़ाइन पर काम करने का निश्चय किया है। जिलाधिकारी ने गाँव में जाकर ग्राउंड जीरो पर मौजूद समस्याओं का निरीक्षण किया और उनके समाधान के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं।
डीएम का निरीक्षण और त्वरित निर्णय
जिलाधिकारी सविन बंसल ने हाल ही में चकराता से विकासनगर तक सड़कों का निरीक्षण करते हुए स्थानीय समुदाय की समस्याओं का समाधान ढूंढने की कोशिश की। इस दौरे के दौरान, उन्होंने जजरेट स्लोप पर सड़क के संबंध में त्वरित निर्णय लेते हुए वन भूमि हस्तांतरण व क्षतिपूर्ति की कार्यवाही की। यह कदम स्थानीय लोगों के जीवन में सुधार लाने में सहायक साबित होगा।
भविष्य की योजना
पाटा गांव के पुनर्वास के लिए एक ठोस और सुरक्षित बी-प्लान पर जोर दिया जाएगा। डीएम ने स्पष्ट किया कि यह योजना भूस्खलन नियंत्रण उपाय एवं सुरक्षित आवास निर्माण को शामिल करेगी। इस प्रकार के कदम मौजूदा समस्याओं का समाधान करने के साथ-साथ भविष्य में भी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
प्रभावित गांवों को राहत
इसके अलावा, ध्वेरा, जड़वाला, और हईया जैसे अन्य दुर्गम गांवों के लिए भी 10 लाख रुपये की राहत राशि को मंजूरी दी गई है। यह निर्णय उन गांवों की समस्याओं का समाधान करने में मददगार साबित होगा, जो भूस्खलन की घटनाओं से प्रभावित हुए हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण
जिलाधिकारी ने चकराता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भी विस्तार से निरीक्षण किया। इस दौरान, उन्होंने स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर संचालन के लिए आवश्यक सुधारों के निर्देश दिए।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं की बाढ़ के बाद की स्थितियों को देखते हुए उचित समय पर उपाय करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। पाटा गांव के पुनर्वास का बी-प्लान स्थानीय निवासियों की जीवन स्थितियों को सुधारने के लिए एक सकारात्मक कदम है, जो उन्हें एक सुरक्षित और स्थायी जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगा। यदि यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो यह अन्य आपदा प्रभावित गांवों के लिए भी एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकती है।