हल्द्वानी : आपदा के बीच पंचायत चुनाव कराने को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप…

पहले चरण की बरसात में ही प्रदेश के हर इलाके का जन जीवन अस्त – व्यस्त हो गया , किसी भी इलाके में सड़क मार्ग सुरक्षित नहीं हैं और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कुछ लोगों ने आपदा के कहर में जान भी गंवाई है।चुनाव प्रक्रिया के लिए तय समय में उत्तराखण्ड में मानसून चरम […] Source

हल्द्वानी : आपदा के बीच पंचायत चुनाव कराने को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप…
हल्द्वानी : आपदा के बीच पंचायत चुनाव कराने को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप…

हल्द्वानी: आपदा के बीच पंचायत चुनाव कराने को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

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पहले चरण की बरसात में ही प्रदेश के हर इलाके का जन जीवन अस्त – व्यस्त हो गया , किसी भी इलाके में सड़क मार्ग सुरक्षित नहीं हैं और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कुछ लोगों ने आपदा के कहर में जान भी गंवाई है। इसी बीच, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि आपदा के इस मौके पर पंचायत चुनाव कराने का निर्णय असंवेदनशील है।

यशपाल आर्य की चिंता

यशपाल आर्य ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रदेश में हो रही भारी बारिश से जन जीवन परेशान है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चुनावी प्रक्रिया को जारी रखना न केवल असंवेदनशील है, बल्कि इससे लोगों की जान को भी खतरा हो सकता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार सही तरीके से आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रही है।

राज्य में बुरी स्थिति

बात की जाए उत्तराखंड की तो मानसून के इस पहले चरण ने राज्य के हर हिस्से को प्रभावित किया है। सड़कें टूट गई हैं, नदियाँ उफान पर हैं, और लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मोहताज हैं। ऐसे हालात में पंचायत चुनाव को कराना, यशपाल आर्य के अनुसार, एक बड़ा जोखिम है।

यशपाल आर्य ने कहा, "सरकार को इस समय लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए, न कि चुनावी प्रक्रिया का। यह समय है जब सरकार को जनता की किसी भी आवश्यकता का ध्यान देना चाहिए।"

मुख्यमंत्री की चुप्पी पर सवाल

यशपाल आर्य ने यह भी सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री इस गंभीर विषय पर मौन क्यों हैं। उन्होंने कहा, “जब प्रदेश के नागरिक संकट में हैं, तो अधिकारियों और सरकार को आगे आकर समाधान खोजने की जरूरत है। चुनाव सामान्य स्थिति में किए जाने चाहिए, न कि तब जबकि लोग जान-माल की सुरक्षा के संकट में हैं।”

लोगों की प्रतिक्रिया

लोग भी इस मुद्दे पर अपनी नाखुशी जाहिर कर रहे हैं। विभिन्न संगठनों और नागरिकों ने यशपाल आर्य के विचारों का समर्थन किया है और सरकार से अपील की है कि विभिन्न हिस्सों के हालात को मद्देनजर रखते हुए चुनावी प्रक्रिया को स्थगित किया जाए।

निष्कर्ष

यशपाल आर्य का यह बयान उस समय आया है जब राज्य की स्थिति अत्यंत गंभीर है। लोग चाहते हैं कि जो भी निर्णय लिया जाए, वह उनके जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे। आगामी दिनों में राज्य सरकार को इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने होंगे। क्या सरकार यशपाल आर्य की बातों पर ध्यान देगी, यह देखना होगा।

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