देहरादून: प्रतियोगिता परीक्षा छात्र संघ ने मुख्यमंत्री सचिव से की मुलाकात, नकलविहीन परीक्षा की अपील

सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली से आज सायं सचिवालय में संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा छात्र संघ के प्रतिनिधि मंडल ने इशांत रौथाण के नेतृत्व में भेंट कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि यूकेएसएसएससी की हाल ही में आयोजित परीक्षा पूर्णतः निष्पक्ष, पारदर्शी एवं नकलविहीन तरीके से सम्पन्न हुई है। परीक्षा […] Source

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देहरादून: प्रतियोगिता परीक्षा छात्र संघ ने मुख्यमंत्री सचिव से की मुलाकात, नकलविहीन परीक्षा की अपील

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कम शब्दों में कहें तो, देहरादून में संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा छात्र संघ ने आज सायं सचिवालय में सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली के साथ एक महत्वपूर्ण संवाद स्थापित किया। इस बैठक में संघ के प्रतिनिधि इशांत रौथाण के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन की मुख्य मांगें

ज्ञापन में छात्रों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि हाल ही में आयोजित यूकेएसएसएससी की परीक्षा को पूर्णतः निष्पक्ष, पारदर्शी एवं नकलविहीन तरीके से संपन्न होने की पुष्टि करें। छात्र संघ के सदस्यों का मानना है कि यह परीक्षा न सिर्फ योग्य छात्रों के लिए एक अवसर है, बल्कि यह प्रक्रिया भी सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

छात्रों की बातें

प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों का कहना था कि परीक्षा में शामिल छात्रों ने इस प्रक्रिया को लेकर अपनी चिंताओं को साझा किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह अपील की कि परीक्षा के परिणाम को लागू करने से पहले सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जाए। इस दौरान उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को भविष्य में परीक्षा की प्रक्रिया में और भी पारदर्शिता लानी चाहिए।

मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण

सचिव मुख्यमंत्री ने छात्रों की मांगों को ध्यानपूर्वक सुना और उन्हें आश्वस्त किया कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा से छात्रों के हितों की रक्षा के लिए तत्पर रही है और इस बार भी पूरी गंभीरता से इस मामले का समाधान किया जाएगा।

भविष्य की दिशा

इस मुलाकात के बाद, छात्र संघ ने यह उम्मीद जताई है कि उनकी मांगों पर सकारात्मक परिणाम आएगा। उनकी कोशिशों के कारण उम्मीद की जाती है कि आगे आने वाली परीक्षाओं में न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि छात्रों का विश्वास भी मजबूत होगा।

इसके साथ ही, विभिन्न छात्र संघों और संगठनों का कहना है कि संयुक्त प्रयासों से उनकी आवाज को प्रभावी तरीके से उठाना संभव हो पाएगा।

सरकारी एजेंसियों ने भी इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने भरोसा दिया है कि परीक्षा की प्रक्रिया को और भी बेहतर बनाने के लिए उन्हें विचार किया जाएगा।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि देहरादून का यह संवाद छात्रों और सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है। छात्रों की मेहनत और संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में उठाए गए कदम निश्चित ही भविष्य के लिए प्रेरणादायक साबित होंगे।

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सधन्यवाद,
टीम द ऑड नारी
स्मिता शर्मा