Ukraine War: फिर कुछ बड़ा होने वाला है? ट्रंप की बात क्यों नहीं माने पुतिन

जिस युद्ध में हजारों लोगों की जान गई। शहर के शहर खंडर बन गए। पूरी दुनिया पर असर पड़ा। जिस जंग ने न जाने अब तक कितने घर उजाड़े। हर सुबह गोले बारूद की घड़घड़ाहट। मौत के साएं में कांपते लोग। एक ऐसा युद्ध जो मानवता को निगलने पर आमदा था। रूस यूक्रेन के बीच वही युद्ध अब खत्म होने की कगार पर है। क्या सच में ऐसा है? अमेरिका की पहल से रूस यूक्रेन के बीच तीन साल से जारी युद्ध अब खत्म होने की तरफ बढ़ रहा है। ट्रंप और पुतिन के  बीच अहम बातचीत हुई। युद्ध खत्म करने को लेकर सहमति बनी। पुतिन 30 दिनों के युद्धविराम पर राजी हो चुके हैं, जिससे इस लंबे और विनाशकारी युद्ध को खत्म करने की संभावनाएं और बढ़ गई हैं। ऐसे तमाम दावे किए जा रहे हैं। लेकिन इन लंबी लंबी बातचीत का सीधा सा फलसफां ये है कि पूर्णत: युद्धविराम को पुतिन राजी नहीं हुए हैं। बस यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर उसकी तरफ से हमले नहीं किए जाने का भरोसा दिया गया है। ट्रंप और पुतिन के बीच दो घंटे लंबी बातचीत के बाद फै सला आ गया। एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप ओवल ऑफिस में बैठे बैठे शांति के गहने पीड़ो रहे थे और उधर रूस और यूक्रेन एक दूसरे पर हमलावर हो रहे थे उनकी फोन कॉल के बाद रूस और यूक्रेन ने एक दूसरे पर हमला किया।  इसे भी पढ़ें: बारूदी ज्वाला भड़की! ट्रंप का फोन काटते ही यूक्रेन के हॉस्पिटल पर पुतिन ने बम गिरा दिया,कुछ हफ्तों में सीजफायर होने की उम्मीदरूस और यूक्रेन ने एक-दूसरे पर ऊर्जा ठिकानों पर हुए हमले को समझौते की अनदेखी का आरोप लगाया है। शांति वार्ता को पटरी से उतारने का आरोप भी लगा रहे हैं। अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा कि युद्ध समाप्त करने पर तकनीकी बातचीत सोमवार से सऊदी अरब में शुरू होगी और कुछ हफ्तों में सीजफायर संभव है। ट्रंप और पूतिन की संभावित मुलाकात को लेकर भी अटकलें तेज हैं, जिससे अमेरिका और NATO सहयोगी यूरोप की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।  ट्रंप के लॉजिक से प्रभावित हुए पुतिन?ट्रंप ने कभी चुनावी मंच से वादा किया था कि वो इस जंग को खत्म करके दम लेंगे। उन्होंने इस जंग को रुकवाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। ट्रंप ने पुतिन को इस युद्ध से होने वाले नुकसान की याद दिलाई। साफ किया की इस युद्ध से कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने वाला। बल्कि इससे सिर्फ तबाही होगी और मौत का आंकड़ा बढ़ेगा। ट्रंप ने बताया कि रूस पर लगे प्रतिबंधों ने उसकी इकोनॉमी को कमजोर कर दिया। युद्ध जारी रहा तो हालात और खराब होंगे। ट्रंप का मैसेज क्लीयर था ताकी दोनों देश शांति वार्ता की मेज पर पहुंच सके। ट्रंप ने पुतिन को समझाया और शायद उनकी कमजोर नस को छू लिया। यू्क्रेन को घुटनों पर लाने के लिए अड़े पुतिन ट्रंप के लॉजिक से प्रभावित हुए।  इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: Putin ने 2 घंटे तक Trump से क्या बात की? क्या US-Russia के बीच जो सहमति बनी उसे मानेंगे Zelenskyy?पुतिन ने क्या सच में मान ली ट्रंप की बातपुतिन ने शर्त रखी कि पश्चिमी सैन्य सहायता बंद हो, यूक्रेन दोवारा सेना न जुटाए और अनिवार्य भर्ती प्रक्रिया रोकी जाए। जेलेंस्की ने रूस को कोई रियायत देने से इनकार किया है, जबकि मास्को ने 372 कैदियों की अदला-बदली को 'सद्भावना संकेत' वताया है। वाइट हाउस और रूस के बीच जापोरिज्जिया न्यूक्लियर पॉवर प्लांट को लेकर भी बात हुई। यह यूरोप का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पॉवर प्लांट है और युद्ध की शुरुआत से ही रूस के कब्जे में है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी (IAEA) कई बार इस प्लांट को लेकर भी चिंता जता चुकी है। 

Ukraine War: फिर कुछ बड़ा होने वाला है?  ट्रंप की बात क्यों नहीं माने पुतिन
Ukraine War: फिर कुछ बड़ा होने वाला है? ट्रंप की बात क्यों नहीं माने पुतिन

Ukraine War: फिर कुछ बड़ा होने वाला है? ट्रंप की बात क्यों नहीं माने पुतिन

The Odd Naari द्वारा लिखा गया, टीम नेटानागरी

उक्रेन युद्ध, जो पिछले कुछ वर्षों से विश्व परिदृश्य के एक महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में जाना जाता है, अब एक नए मोड़ पर है। क्या फिर से कुछ बड़ा होने वाला है? इस प्रश्न का उत्तर ढूंढने के लिए हमें घटनाओं की वर्तमान स्थिति और प्रमुख वैश्विक नेताओं के विचारों पर ध्यान देना होगा।

युद्ध की वर्तमान स्थिति

यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष ने कई देशों के राजनीतिक और आर्थिक संतुलन को प्रभावित किया है। हाल के दिनों में, कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं जो यह दर्शाती हैं कि रूस ने अपनी सैन्य गतिविधियों में वृद्धि की है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने भी इस बात की पुष्टि की है कि रूस आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है।

ट्रंप की टिप्पणियों का महत्व

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में इस विवाद में अपने विचार व्यक्त किए हैं। ट्रंप का कहना है कि पुतिन कुछ बड़े कदम उठाने की योजना बना रहे हैं, जो इस युद्ध की दिशा को पूरी तरह बदल सकता है। उनके अनुसार, अगर पश्चिमी देश एकजुट होकर सामने नहीं आए तो स्थिति और बिगड़ सकती है।

पुतिन की प्रतिक्रिया

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप की टिप्पणियों को नजरअंदाज किया है। पुतिन का मानना है कि पश्चिमी देशों की नीतियों में कोई वास्तविकता नहीं है और वे केवल सभी समस्याओं को बढ़ा रहे हैं। उनकी रणनीति अभिजात वर्ग की सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर आधारित है, जो उन्हें किसी भी परिस्थिति में मजबूत बनाती है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस युद्ध ने न केवल यूक्रेन और रूस को प्रभावित किया है, बल्कि विश्व के कई देशों के साथ संबंधों को भी चुनौती दी है। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन क्या यह कदम पर्याप्त है? वर्तमान में सभी नजरें इस बात पर हैं कि आने वाले दिनों में कौन सा कदम उठाया जाएगा।

संभावित परिणाम

यदि युद्ध में और वृद्धि होती है, तो दुनिया भर में कई देश फिर से विवाद में पड़ सकते हैं। इससे न केवल राजनीतिक संकट बढ़ेगा बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है। ऐसे में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या ट्रंप की बातें सही साबित होंगी और क्या पुतिन वास्तव में कुछ बड़ा योजनाबद्ध कर रहे हैं।

निष्कर्ष

यूक्रेन युद्ध एक जटिल स्थिति है जो पूरी दुनिया पर प्रभाव डाल रही है। ट्रंप की टिप्पणियाँ, पुतिन की प्रतिक्रिया और भविष्य की दिशा सभी महत्वपूर्ण हैं। इस मुद्दे पर नागरिकों को सूचना देना और जागरूक करना आवश्यक है, क्योंकि यह विश्व शांति के लिए चुनौती पेश करता है। हम सभी को इन घटनाओं पर निकटता से ध्यान देना होगा। यदि आप इस प्रकार के और भी अपडेट चाहते हैं, तो theoddnaari.com पर जाएं।

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