Myanmar Earthquake: अमेरिकी भूविज्ञानी ने किया दावा, 300 से अधिक परमाणु बमों के बराबर थी म्यांमार में आए भूकंप की ऊर्जा
म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप में एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है और देश में कई इमारतें नष्ट हो गई हैं। इस बीच, अमेरिका के एक प्रमुख भूविज्ञानी ने कहा है कि म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के घातक भूकंप की ऊर्जा 300 से अधिक परमाणु बमों के बराबर थी।भूविज्ञानी जेस फीनिक्स ने सीएनएन को बताया, ‘ऐसे भूकंप से निकलने वाली शक्ति करीब 334 परमाणु बमों के बराबर होती है।’ उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ये झटके महीनों तक रह सकते हैं। भूविज्ञानी ने बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट म्यांमार के नीचे यूरेशियन प्लेट से टकराती रहती है। इसे भी पढ़ें: क्या है ऑपरेशन ब्रह्मा? म्यांमार को मदद पहुंचाने के लिए भारत ने ये नाम क्यों चुना, विदेश मंत्रालय ने क्या-क्या बतायाफीनिक्स ने कहा कि आपदा की पूरी गंभीरता को समझने में कुछ बाधाएं हो सकती हैं। उन्होंने कहा, 'म्यांमार में चल रहा गृहयुद्ध और संचार व्यवस्था में व्यवधान के कारण बाहरी दुनिया भूकंप के पूरे प्रभाव को समझ नहीं पा रही है।' इसे भी पढ़ें: पहले काम, फिर बात...भूकंप से एक हजार मौतें झेल रहे म्यांमार के जनरल को PM मोदी ने घुमाया फोन, हादसे पर जताई संवेदनाभारत ने म्यांमार की मदद के लिए आगे आकर 'ऑपरेशन ब्रह्मा' शुरू किया है। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने म्यांमार को कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, खाने के पैकेट और रसोई सेट जैसी ज़रूरी आपूर्ति भेजी है और अपने पड़ोसी देश में एक मेडिकल यूनिट के साथ-साथ खोज और बचाव दल भी तैनात किया है।

Myanmar Earthquake: अमेरिकी भूविज्ञानी ने किया दावा, 300 से अधिक परमाणु बमों के बराबर थी म्यांमार में आए भूकंप की ऊर्जा
The Odd Naari
लेखिका: सुषमा जोशी, टीम नेटानागरी
परिचय
हाल ही में म्यांमार में आए एक शक्तिशाली भूकंप ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। इस भूकंप की ऊर्जा को एक अमेरिकी भूविज्ञानी ने 300 से अधिक परमाणु बमों के बराबर बताया है। इस लेख में हम इस भूकंप के कारण, प्रभाव और इसके पीछे की वैज्ञानिक व्याख्याओं को समझेंगे।
भूकंप का विवरण
म्यांमार में आए इस भूकंप की तीव्रता 7.4 मापी गई। यह भूकंप 6 अक्टूबर 2023 को आया था, जिसके कारण बड़ी संख्या में जनहानि और संपत्ति का नुकसान हुआ। भूविज्ञानी जॉर्ज स्मिथ ने इस भूकंप की ऊर्जा को अत्यधिक स्थितियों में वर्गीकृत किया है।
भूकंप की ऊर्जा का विश्लेषण
जॉर्ज स्मिथ के अनुसार, भूकंप की ऊर्जा की गणना करना सामान्यत: कठिन होता है, लेकिन इसके आंकड़ों ने एक नई चर्चा को जन्म दिया है। उन्होंने बताया कि म्यांमार में आए भूकंप की ऊर्जा लगभग 300 से अधिक परमाणु बमों के विस्फोट के बराबर थी। यह एक ऐसी स्थिति है जो संसार में होने वाले प्राकृतिक आपदाओं के संभावित खतरों को दर्शाती है।
भूकंप के प्रभाव
भूकंप के कारण म्यांमार के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक तबाही मच गई। इमारतें ढह गईं, सड़कों में दरारें आ गईं और बड़े पैमाने पर जनहानि हुई। स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की है, लेकिन मदद पहुंचाने में मुश्किलें आ रही हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका
इस भूकंप ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व को एक बार फिर से उजागर किया है। अनेक विशेषज्ञ इस विषय पर अधिक शोध कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसे भूकंपों की भविष्यवाणी की जा सके और उनकी तीव्रता को कम किया जा सके। भूकंपीय निगरानी प्रणाली और सेस्मिक डेटा जैसे उपकरणों का अनुसंधान आवश्यक हो गया है।
निष्कर्ष
म्यांमार में आए भूकंप ने न केवल एक प्राकृतिक आपदा को दर्शाया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि ऐसे किसी भी आपदा से निपटने के लिए हमारी तैयारी और ज्ञान कितना महत्वपूर्ण है। अमेरिकी भूविज्ञानी जॉर्ज स्मिथ के दावों को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट है कि भूकंप की शक्तियों का सही ज्ञान और उसका नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है।
काम शब्दों में कहें तो, भूविज्ञान और प्रौद्योगिकी हमारे लिए इस तरह की आपदाओं से निपटने की क्षमता को विकसित करने में सहायक हो सकती हैं। भविष्य में बेहतर नीतियों और उपकरणों के साथ, हम प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने की दिशा में बढ़ सकते हैं।
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