जीत गए नेतन्याहू? हमास बाहर जाओ के लगे नारे, फिलिस्तीनी नागरिकों ने निकाली रैली

इजरायल और हमास के बीच की जंग को यूं तो डेढ़ बरस गुजर चुके हैं। 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुए इस युद्ध में इतने वक्त गुजर जाने के बाद भी अभी तक ये नहीं कहा जा सकता कि कौन जीता और कौन हारा। लेकिन गाजा में अब तक के सबसे बड़े विरोध प्रजर्शन को देखते हुए अब ये जरूर कहा जा सकता है कि धीरे धीरे इस जंग की तस्वीर अब साफ होती जा रही है। दरअसल, नेतन्याहू हमेशा से कहते आए हैं कि वो फिलिस्तिनियों के विरोधी नहीं हैं। लेकिन हमास को गाजा से निकालना चाहते हैं। ये उनकी लड़ाई है। वहीं अब गाजा में हमास के खिलाफ बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए कहा जा सकता है कि नेतन्याहू अपने मकसद में कामयाब हो रहे हैं। सैकड़ों फिलिस्तीनियों ने उत्तरी गाजा की सड़कों पर हमास के शासन को समाप्त करने और इजरायल के साथ युद्ध को समाप्त करने की मांग की। एएफपी के अनुसार, यह प्रदर्शन कथित तौर पर इजरायल के साथ संघर्ष के फिर से शुरू होने के बाद से सबसे बड़ा है। इसे भी पढ़ें: Pakistan में घुसेगा इजरायल, ये प्लान जानकर चौंक जाएगा भारतये विरोध बेत लाहिया में इजरायली सेना द्वारा लगभग दो महीने के युद्धविराम के बाद तीव्र बमबारी फिर से शुरू करने के कुछ ही दिनों बाद शुरू हुआ। हमास बाहर जाओ और हमास आतंकवादी के नारे सड़कों पर गूंजने लगे। प्रदर्शनकारियों, जिनमें से ज़्यादातर पुरुष थे, उन्होंने युद्ध बंद करो, हम शांति से रहना चाहते हैं और हम खाना चाहते हैं लिखे बैनर लहराए। अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन गाजा के नागरिकों के बीच गहरी निराशा को उजागर करता है जो एक अथक युद्ध की गोलीबारी में फंस गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर सोशल मीडिया नेटवर्क टेलीग्राम के माध्यम से लामबंद किया। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, हमास के सुरक्षा बलों के कुछ सदस्य सिविल ड्रेस में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश कर रहे थे. प्रदर्शन में शामिल एक अन्य व्यक्ति माजदी ने कहा कि लोग अब थक चुके हैं। अगर हमास के सत्ता छोड़ने से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है, तो उसे ऐसा कर देना चाहिए। Three messages from the Gazans to the world, and why the people will win this time:1. "Hamas are terrorists."2. "We want peace."3. "We want to live a normal life."It is not the first time the people of #Gaza protested against Hamas rule. Similar protests have happened many… pic.twitter.com/HlngJLVTuM— Dalia Ziada - داليا زيادة (@daliaziada) March 25, 2025

जीत गए नेतन्याहू? हमास बाहर जाओ के लगे नारे, फिलिस्तीनी नागरिकों ने निकाली रैली
जीत गए नेतन्याहू? हमास बाहर जाओ के लगे नारे, फिलिस्तीनी नागरिकों ने निकाली रैली

जीत गए नेतन्याहू? हमास बाहर जाओ के लगे नारे, फिलिस्तीनी नागरिकों ने निकाली रैली

The Odd Naari द्वारा, समीरा खान और तर्शिका शर्मा, टीम नेतनागरी

परिचय

हाल ही में इजरायल के चुनावों में बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बड़ा विजय हासिल किया है, जिससे मध्य पूर्व में हलचलें बढ़ गई हैं। वहीं, फिलिस्तीनी नागरिकों ने हमास के खिलाफ एक रैली निकाली है, जिसमें उन्हें बाहर जाने के लिए जोरदार नारे लगाते देखा गया। यह लेख नेतन्याहू की जीत और उसकी राजनीतिक स्थिति में प्रभावों पर चर्चा करेगा।

नेतन्याहू की राजनीतिक वापसी

बेंजामिन नेतन्याहू, जो इजरायल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं, ने बार-बार अपनी नेतृत्व क्षमता से लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। हाल के चुनावों में उनकी पार्टी ने महत्वपूर्ण बहुमत हासिल किया है। यह जीत उनके लिए एक पुनः संघर्ष की भूस्वरी है, जहां उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भी कई जनहित के मुद्दों का समाधान किया है। उन्होंने सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और वैकल्पिक ऊर्जा के मुद्दों पर जोर दिया है।

फिलिस्तीनी नागरिकों का विरोध

इस बीच, फिलिस्तीनी नागरिकों ने रविवार को एक बड़े विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने हमास के खिलाफ नारेबाजी की। रैली में लोगों ने "हमास बाहर जाओ" के नारे लगाए। यह प्रदर्शन लगभग सभी वर्गों के लोगों ने भागीदारी की, जो अपने अधिकारों के लिए और शांति के लिए आवाज उठा रहे थे। फिलिस्तीनियों के बीच यह असंतोष सरकार के खिलाफ उठ रहा है, जो उन्हें सामाजिक और राजनीतिक अधिकारों से वंचित कर रही है।

विरोध का महत्व

फिलिस्तीनी नागरिकों का यह विरोध कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण संकेत देता है कि वे अब अधिक संगठित और सचेत हो रहे हैं। इस प्रकार के प्रदर्शनों में भाग लेना, उनकी राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देता है। नागरिकों का यह कदम इस बात का संकेत है कि वे अपने भविष्य के प्रति गंभीर हैं और अमन की ओर अग्रसर होने का प्रयास कर रहे हैं।

निष्कर्ष

इस समय की स्थितियों में नेतन्याहू की जीत और फिलिस्तीनी नागरिकों का विरोध दोनों ही महत्वपूर्ण प्रमुख घटनाएँ हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये घटनाएँ भविष्य में कैसे राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेंगी। नेतन्याहू की विजय निश्चित रूप से इजरायल के अंदर और बाहरी नीतियों पर प्रभाव डालेगी, वहीं फिलिस्तीनी नागरिकों की ओर से उठाई गई आवाज उन्हें राजनीतिक जन जागरूकता की दिशा में और मजबूती प्रदान करेगी। तात्कालिक स्थिति में, शांति और सहिष्णुता की आवश्यकता सबसे अधिक है। अधिक जानकारी के लिए, visit theoddnaari.com.

Keywords

Israeli Elections, Netanyahu Victory, Hamas Protest, Palestinian Rally, Middle East Politics, Peace and Tolerance, Political Awareness, Citizen Rights