बॉलीवुड अभिनेत्री सेलिना जेटली के लिए पिछले 14 महीने बेहद मुश्किल भरे रहे हैं। उनके भाई मेजर (से.नि.) विक्रांत कुमार जेटली को सितंबर 2024 से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हिरासत में रखा गया है। इतनी लंबी जद्दोजहद के बाद अब दिल्ली हाई कोर्ट के हस्तक्षेप से उन्हें उम्मीद की एक किरण दिखाई दी है। अदालत ने विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों में रिपोर्ट मांगी है और एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं, जो विक्रांत जेटली तक कानूनी व चिकित्सीय सहायता पहुंचाने में मदद करेगा।
सेलिना जेटली ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि उनके भाई चौथी पीढ़ी के सैनिक हैं और हमेशा देश के लिए समर्पित रहे हैं। उन्होंने बताया कि विक्रांत का जीवन कई खतरनाक मिशनों का हिस्सा रहा है और वे कई गंभीर चोटों से गुजरे हैं। वे कहती हैं, “मैं अभी एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक सैनिक की बहन हूं। मेरे भाई ने अपने देश के लिए सेवा की है और मुझे पूरी उम्मीद है कि सरकार भी उनके साथ खड़ी होगी।”
बता दें कि विक्रांत जेटली को कथित तौर पर अपहरण के बाद अबू धाबी में हिरासत में लिया गया था। मौजूद जानकारी के अनुसार, उन्हें आठ महीने तक अज्ञात हालत में रखा गया, जिसके बाद उन्हें एक डिटेंशन सेंटर में शिफ्ट किया गया। गौरतलब है कि परिवार को उनके हिरासत के कारण या चल रही जांच के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। हाल ही में ही उनका डिटेनी नंबर प्राप्त हुआ, जिसके बाद सेलिना ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए सरकार से चार सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। साथ ही एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति का आदेश दिया गया है, जिससे पीड़ित परिवार और हिरासत में मौजूद विक्रांत के बीच संवाद स्थापित हो सके। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर के लिए निर्धारित की है।
यह भी बताया गया है कि सेलिना की तरफ से वकील राघव कक्कड़ और माधव अग्रवाल ने दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि यह कदम भारत और यूएई के बीच रिश्तों को और मज़बूती देगा। वकील ने यह भी बताया कि सरकार इस मामले में उठाए जाने वाले कदमों पर विस्तृत रिपोर्ट देगी। सेलिना जेटली ने अदालत के इस फैसले को "लंबे अंधेरे के बाद रोशनी" बताया है और उम्मीद जताई है कि उनका भाई जल्द सुरक्षित भारत लौट सकेगा।
गौर करने वाली बात है कि सेलिना जेटली को आखिरी बार फ़िल्म 'सीज़ंस ग्रीटिंग' में देखा गया था, मगर फिलहाल उनका पूरा ध्यान अपने भाई की रिहाई पर है। उनका कहना है कि अब बस एक ही मकसद है "अपने सैनिक भाई को घर वापस लाना"। वह अपने भाई के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी काफी चिंतित हैं, क्योंकि अब तक यह भी साफ़ नहीं है कि उनकी कैद के दौरान उनके साथ क्या व्यवहार किया गया है।
सेलिना ने सरकार से भावुक अपील करते हुए कहा है कि वह केवल एक बहन के तौर पर अपने देश से मदद मांग रही हैं और उन्हें भरोसा है कि भारत सरकार उनके भाई की सुरक्षित वापसी के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। वर्तमान हालात में यही उम्मीद उनके लिए सबसे बड़ी ताकत हैं।