हर जांच के लिए तैयार हैं...आ गया ऊंट (पाकिस्तान) पहाड़ के नीचे, शहबाज शरीफ के तेवर पड़े ढीले

भारत के साथ बढ़ते तनाव पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वह पहलगाम आतंकी हमले की तटस्थ और पारदर्शी जांच के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि देश किसी भी दुस्साहस के लिए तैयार है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तटस्थ, पारदर्शी जांच में भाग लेने के लिए तैयार है... शांति हमारी प्राथमिकता है। हम अपनी अखंडता और सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेंगे। शरीफ की टिप्पणी हाल ही में अन्य पाकिस्तानी नेताओं और उनके मंत्रियों द्वारा की गई बयानबाजी में नरमी का संकेत देती है।इसे भी पढ़ें: तख्तापलट के लिए आसिम मुनीर ने खेला पहलगाम वाला गंदा खेल, चारों ओर से घिरे शहबाज शरीफ भागेंगे लंदन?पहलगाम हाल के वर्षों में कश्मीर में सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक का गवाह बना, जब लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहे जाने वाले सुंदर बैसरन घाटी में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी। भारत, जिसने परोक्ष रूप से आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, ने दंडात्मक उपायों की झड़ी लगा दी और राजनयिक संबंधों को कम कर दिया। सिंधु जल संधि को निलंबित करने के अलावा, भारत ने पाकिस्तानियों को वीजा जारी करना रद्द कर दिया है और वाघा-अटारी सीमा को बंद कर दिया है। पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की है और भारतीय स्वामित्व वाली और संचालित एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। इसे भी पढ़ें: मैक्रों, पुतिन-ट्रंप तक तो ठीक था अब तो चीन भी बोलने लगा, भारत सुपरपावर है, औकात में रहोसिंधु संधि के निलंबन पर शरीफ ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान के पानी को कम करने या मोड़ने के किसी भी प्रयास का पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा। सिंधु नदियाँ पाकिस्तान के लिए जीवन रेखा हैं और इसकी 80% कृषि भूमि को पानी प्रदान करती हैं। इसके अलावा, इसकी एक तिहाई जलविद्युत भी सिंधु बेसिन के पानी पर निर्भर करती है। पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि किसी को भी किसी भी तरह के झूठे दिखावे में नहीं रहना चाहिए... हमारे सशस्त्र बल किसी भी दुस्साहस के खिलाफ देश और इसकी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार हैं, जैसा कि फरवरी 2019 में भारत के बेचैन आक्रमण में उनके संयमित लेकिन दृढ़ जवाब से स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होता है। 

हर जांच के लिए तैयार हैं...आ गया ऊंट (पाकिस्तान) पहाड़ के नीचे, शहबाज शरीफ के तेवर पड़े ढीले
हर जांच के लिए तैयार हैं...आ गया ऊंट (पाकिस्तान) पहाड़ के नीचे, शहबाज शरीफ के तेवर पड़े ढीले

हर जांच के लिए तैयार हैं...आ गया ऊंट (पाकिस्तान) पहाड़ के नीचे, शहबाज शरीफ के तेवर पड़े ढीले

The Odd Naari द्वारा रिपोर्ट: सिमरन कौर, टीम नेटानागरी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल में बहुत ही विवादास्पद बयान दिए हैं जो राजनीति में उथल-पुथल मचाने वाले हैं। "हर जांच के लिए तैयार हैं," यह वाक्य किसी भी साधारण नागरिक को चौंका सकता है, लेकिन क्या इसकी पृष्ठभूमि में कोई छिपा हुआ अर्थ है? आइए, इस मामले पर गहराई से नजर डालते हैं।

पृष्ठभूमि

पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक स्थिति काफी तनावपूर्ण है। भ्रष्टाचार के मामलों में जांचें चल रही हैं और विपक्ष पोलिटिकल ड्रामा करना लगातार जारी रखे हुए है। ऐसे में शहबाज शरीफ ने अपने तेवर ढीले करते हुए यह बयान दिया है। उनका यह बयान निश्चित रूप से उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के लिए एक जवाब है।

शहबाज शरीफ का बयान

शहबाज शरीफ ने कहा, "अगर किसी को भी शंका है, तो उन्हें जांच करने का पूरा हक है।" उनका यह बयान समाज में व्याप्त राजनीतिक अस्थिरता को सुलझाने के लिए एक तरह का प्रयास प्रतीत होता है। लेकिन क्या यह सिर्फ एक राजनीतिक चाल है? इस पर विचार करना आवश्यक है।

प्रतिस्पर्धा और प्रतिक्रियाएँ

शहबाज शरीफ के इस बयान को विपक्ष ने लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता इमरान खान ने इसे एक प्रकार की ढकोसला करार दिया है। उनके अनुसार, शहबाज शरीफ केवल जनता का ध्यान बांटने की कोशिश कर रहे हैं।

मार्केट और क्षेत्रीय प्रभाव

पाकिस्तान के आंतरिक राजनीतिक मसलों का असर उसके पड़ोसी देशों पर भी पड़ता है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस विषय पर स्पष्ट रुख अपनाया है और पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की अपील की है। यह स्थिति दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

शहबाज शरीफ का बयान निश्चित रूप से राजनीतिक खेल का एक हिस्सा है। वे अपने प्रतिद्वंद्वियों को चकमा देना चाह रहे हैं, लेकिन क्या वे इस घेराबंदी से सफल हो पाएंगे? यह सवाल सभी के मन में कौंध रहा है। पाकिस्तान के राजनीतिक परिदृश्य में अभी भी कई उतार-चढ़ाव आने बाकी हैं।

कम शब्दों में कहें तो, शहबाज शरीफ की बयानबाजी ने पाकिस्तान की राजनीति में हलचल मचा दी है। क्या वे हमेशा की तरह बचने में सफल होंगे या इस बार जवाबदेही का सामना करेंगे? इस पर हमें नजर रखनी होगी।

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