मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले ही दोस्त ट्रंप ने ऐसे ऑर्डर पर किया साइन, खिलखिला उठेगा गौतम अडानी का चेहरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी फ्रांस के दौरे पर हैं। वहां वो एआई समिट में हिस्सा लेने के लिए गए हुए हैं। वहां से प्रधानमंत्री अपने विशेष विमान में बैठकर वाशिंगटन पहुंचेंगे। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का प्लेन अमेरिका में लैंड करता उससे पहले ही उनके दोस्त और अमेरिकीन प्रेसिडेंट ट्रंप ने एक ऐसे आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिससे भारतीय उद्दोगपति गौतम अडानी के चेहरे खिल उठे होंगे। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने करीब 50 साल पुराने फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (एपसीपीए) को निलंबित कर दिया है। इससे विदेशों में व्यापार के लिए रिश्वत देना अपराध नहीं रहेगा। यह वही अधिनियम है जिसके तहत उद्योगपति गौतम अडानी पर आरोप लगाया गया है। इसे भी पढ़ें: यूक्रेन युद्ध को लेकर क्या ट्रंप-पुतिन में हुई बातचीत? क्रेमलिन की तरफ से आया बड़ा अपडेटट्रंप ने आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि ये कानून वैश्विक मंच पर कंपनियों को नुकसान में डालता है। इसके अलावा, उन्होंने नवनियुक्त अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी को एफसीपीए के तहत की गई कार्रवाइयों को तुरंत रोकने का आदेश दिया। इसमें अमेरिकी व्यक्तियों और कंपनियों के मुकदमे शामिल हैं जिन पर न्याय विभाग (डीओजे) ने अन्य देशों में व्यापार हासिल करने के प्रयासों में विदेशी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है। ट्रंप ने कहा कि कागज़ पर तो ये अच्छा लगता है, लेकिन व्यवहारिक तौर पर यह एक आपदा है। इसका मतलब यह है कि यदि कोई अमेरिकी किसी विदेशी देश में जाता है और वहां कानूनी रूप से व्यापार करना शुरू कर देता है, तो यह लगभग एक गारंटीकृत जांच अभियोग है, और कोई भी इसके कारण अमेरिकियों के साथ व्यापार नहीं करना चाहता है।इसे भी पढ़ें: मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले ही Russia ने भारत को दिया होश उड़ाने वाला ऑफर, सुनकर ट्रंप की भी बढ़ेगी टेंशन!आपको बता दें कि एफसीपीए 1977 का एक कड़ा कानून है। जिसे अमेरिकी कंपनियों और नागरिकों को विदेशी सराकरी अधिकारियों को बिजनेस में फायदा उठाने के लिए रिश्वत देने से रोकता है। इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय बिजनेस में नैतिकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। ट्रंप के इस पर रोक के बाद अडानी ग्रुप को भी बड़ी राहत मिलेगी, जिसके खिलाफ एफसीपीए के तहत ही मामला चल रहा है। आपको बता दें कि एफसीपीए के तहत की गई कार्रवाइयों को तब तक रोकने का आदेश दे रहे हैं, जब तक कि वह नए प्रवर्तन दिशानिर्देश जारी नहीं करती हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान कानून को खत्म करने की कोशिश की थी।  इसे भी पढ़ें: मुझे रोक सके तो रोक लो...इस भारतवंशी की एलन मस्क को खुली चुनौती, अब क्या करेंगे ट्रंप?अडानी पर क्या आरोप लगाए गए थे?20 नवंबर को यूएस एसईसी और डीओजे ने एफसीपीए के उल्लंघन में कथित $250 मिलियन की रिश्वत योजना के संबंध में भारतीय अरबपति गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अदानी, एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के व्यापार सहयोगी सिरिल कैबेन्स और अन्य वरिष्ठ व्यापार अधिकारियों के खिलाफ समानांतर आरोपों की घोषणा की। एसईसी ने आरोप लगाया कि अदानी ने भ्रष्ट आचरण में लिप्त रहते हुए मजबूत रिश्वत विरोधी उपायों को गलत तरीके से पेश करके अमेरिकी निवेशकों को गुमराह किया। कथित घटना सितंबर 2021 में अदानी ग्रीन द्वारा बांड की पेशकश के दौरान हुई, जिसमें अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर सहित 750 मिलियन डॉलर जुटाए गए थे। Stay updated with International News in Hindi on Prabhasakshi 

मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले ही दोस्त ट्रंप ने ऐसे ऑर्डर पर किया साइन, खिलखिला उठेगा गौतम अडानी का चेहरा
मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले ही दोस्त ट्रंप ने ऐसे ऑर्डर पर किया साइन, खिलखिला उठेगा गौतम अडानी का चेहरा

मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले ही दोस्त ट्रंप ने ऐसे ऑर्डर पर किया साइन, खिलखिला उठेगा गौतम अडानी का चेहरा

दिउसाजित मित्रता के एक और महत्वपूर्ण मील के पत्थर पर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका यात्रा पर जाने वाले हैं, जहां उनके साथ उनके बहुत पुराने मित्र और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी नाम जुड़ा है। यह घटनाक्रम न केवल राजनीतिक दृष्टिकोन से महत्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोन से भी चर्चा का विषय बन चुका है।

ट्रंप के नए ऑर्डर का महत्व

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका गहरा असर भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों पर पड़ेगा। यह आदेश विशेष रूप से उन कंपनियों के लिए फायदेमंद होगा, जो ऊर्जा और बुनियादी ढांचे में निवेश कर रही हैं। गौतम अडानी, जो भारतीय उद्योगपति और अडानी समूह के चेयरमैन हैं, इस आदेश का सीधा लाभ उठाएंगे। उनके उद्योग ने अमेरिकी बाजार में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने की योजना बनाई है, और ट्रंप के इस आदेश से ये योजनाएं और भी तेजी पकड़ेंगी।

गौतम अडानी की संभावित प्रतिक्रिया

गौतम अडानी के चेहरे पर खुशी का आभास करते हुए, इस आदेश का असर उनके व्यापार में साफ दिखेगा। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह उनके लिए एक शानदार अवसर है। जैसा कि अडानी समूह विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार योजना बना रहा है, ट्रंप के ऑर्डर से उन्हें नई परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, यह भारतीय आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करेगा।

आने वाली भारत-अमेरिका रिश्तों की नई दिशा

प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा, जो कई अनिश्चयाओं के बीच हो रही है, भारतीय-अमेरिकी रिश्तों को नई दिशा दे सकती है। इस यात्रा का उद्देश्य न केवल द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना है, बल्कि वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को भी मजबूत करना है। ऐसे में ट्रंप के ऑर्डर का टाइमिंग काफी महत्वपूर्ण है।

समापन विचार

इस प्रकार, जब मोदी अमेरिका पहुंचेंगे, तो ट्रंप के इस आदेश का असर निश्चित तौर पर उनके सामना होगा। यह न केवल गौतम अडानी बल्कि पूरे देश के लिए एक नई उम्मीद लेकर आएगा। भारत और अमेरिका के रिश्तों में यह एक अहम मोड़ हो सकता है, जो भविष्य में दोनों देशों की आर्थिक स्थिति को मजबूती देगा।

अंत में, हम आशा करते हैं कि मोदी और ट्रंप के बीच इस रिश्ते का लाभ भारत के लोगों को मिल सके। इस दिशा में काम करने के लिए सहयोग और समर्पण आवश्यक है।

इस लेख में भारतीय राजनीति और उद्योगों की गतिविधियों पर चर्चा की गई है, जो पाठकों को प्रेरित करने और जागरूक करने के लिए लिखी गई है।

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