पवन सिंह का तंज: 'जातिवादियों के दिल पर सांप लोट रहा' - अमित शाह, जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद
भाजपा से निष्कासित होने के एक साल से अधिक समय बाद, भोजपुरी अभिनेता और गायक पवन सिंह ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से राष्ट्रीय राजधानी में उनके आवास पर मुलाकात की। यह पूछे जाने पर कि क्या वह फिर से भाजपा में शामिल होंगे, सिंह ने कहा, "हम कब अलग हुए? हम साथ हैं।" पवन सिंह ने अमित शाह, जेपी नड्डा और उपेंद्र कुशवाहा संग मीटिंग की तस्वीरें शेयर करते हुए विपक्ष पर तंज भी कसा है। इसे भी पढ़ें: पटना जू में बढ़ा मनोरंजन और सुविधाओं का आयाम, नयापन, सुविधाएं और प्राकृतिक सुंदरता का समावेश पवन सिंह ने एक्स पर लिखा कि जातिवादी राजनीति के पोषकों के दिल पे आज ई फोटो देख के साँप लोट रहा होगा। लेकिन जिनके दिल में विकसित बिहार का सपना बसता है, वो कब तक एक दूसरे से दूर रह सकते है। आज हमारे माननीय गृह मंत्री अमित शाह और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उपेंद्र कुशवाहा जी से मुलाक़ात हुई और उन्होंने दिल से आशीर्वाद दिया। मोदी जी और नीतीश जी के सपनों का बिहार बनाने में आपका बेटा पवन पूरा पावर लगाएगा। गौरतलब है कि यह यात्रा बिहार विधानसभा चुनावों से पहले हो रही है, जो इस साल अक्टूबर या नवंबर में होने की उम्मीद है। पवन सिंह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे, लेकिन 2024 में उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार की अवहेलना करते हुए काराकाट लोकसभा क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए निष्कासित कर दिया था। 2024 के लोकसभा चुनावों में, पवन सिंह ने काराकाट सीट से स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, जिसके कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। इसे भी पढ़ें: बिहार चुनाव की बिछी बिसात! अंतिम वोटर लिस्ट जारी, अगले हफ्ते तारीखों का हो सकता है ऐलानइससे पहले, भाजपा ने सिंह को पश्चिम बंगाल के आसनसोल निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था; हालाँकि, उन्होंने आसनसोल सीट से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। सिंह को आसनसोल में टीएमसी के शत्रुघ्न सिन्हा का मुकाबला करने के लिए उम्मीदवार के रूप में माना जा रहा था, लेकिन अपने विवादास्पद संगीत वीडियो और फिल्मों को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की तीखी प्रतिक्रिया के कारण उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।

पवन सिंह का तंज: 'जातिवादियों के दिल पर सांप लोट रहा' - अमित शाह, जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद
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कम शब्दों में कहें तो, भोजपुरी अभिनेता और गायक पवन सिंह ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर विरोधियों पर तंज कसा है।
भाजपा से निष्कासित होने के एक साल से अधिक समय बाद, भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस मौके पर, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह भाजपा में वापसी करेंगे, तो सिंह ने सरलता से कहा, "हम कब अलग हुए? हम साथ हैं।" इस मुलाकात का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि यह बिहार विधानसभा चुनावों से पहले की जा रही है, जो इस साल अक्टूबर या नवंबर में होने की उम्मीद है।
पवन सिंह का तंज और जातिवादी राजनीति
पवन सिंह ने इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा, "जातिवादी राजनीति के पोषकों के दिल पे आज ई फोटो देख के साँप लोट रहा होगा।" उनका यह बयान बिहार में राजनीतिक माहौल को लेकर दिखाए गए नकारात्मक रुख का संकेत है। उन्होंने कहा कि जिनके दिल में विकसित बिहार का सपना है, वे एक-दूसरे से दूर नहीं रह सकते।
उन्होंने आगे कहा, "आज हमारे माननीय गृह मंत्री अमित शाह और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उपेंद्र कुशवाहा जी से मुलाकात हुई और उन्होंने दिल से आशीर्वाद दिया। मोदी जी और नीतीश जी के सपनों का बिहार बनाने में आपका बेटा पवन पूरा पावर लगाएगा।"
पवन सिंह का राजनीतिक सफर
पवन सिंह पहले भारतीय जनता पार्टी के सदस्य रहे हैं, लेकिन पार्टी के खिलाफ उनकी गतिविधियों के चलते उन्हें 2024 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार होने की अनदेखी करते हुए काराकाट लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की वजह से पार्टी से निकाला था। अब, पवन सिंह ने काराकाट सीट से स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
भाजपा के लिए पवन सिंह की भूमिका
पवन सिंह की यात्रा बिहार विधानसभा चुनावों से पहले हो रही है, जिससे उनकी मौजूदगी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। इससे पहले भाजपा ने उन्हें पश्चिम बंगाल के आसनसोल निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने वहां चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।
टीएमसी के शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ उन्हें उम्मीदवार माना जा रहा था, लेकिन विवादास्पद संगीत वीडियो और फिल्मों के कारण उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। अब देखना है कि पवन सिंह की यह नई राजनीतिक यात्रा उनके लिए कैसे साबित होती है।
बिहार विधानसभा चुनाव और राजनीतिक स्थिति
बिहार विधानसभा चुनावों के बिछने वाले बिसात को देखते हुए, सभी राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर कवायद कर रहे हैं। हाल ही में अंतिम वोटर लिस्ट जारी की गई है तथा अगले हफ्ते चुनाव की तारीखों का ऐलान भी संभव है। पवन सिंह का इस चुनाव में भाग लेना भाजपा के लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट हो सकता है।
वास्तव में, पवन सिंह की यह यात्रा उन लोगों को स्पष्ट संदेश देती है, जिनका मानना है कि जातिगत राजनीति का अंत होना चाहिए। बिहार की जनता को अब विकास और नई संभावनाओं की दिशा में सोचने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, पवन सिंह की राजनीति में वापसी से यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा अपनी पार्टी में और भी युवा चेहरों को शामिल करने का प्रयास कर रही है। इस यात्रा के जरिए पवन सिंह एक बार फिर से अपने राजनीतिक रुख को मज़बूत करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे बिहार में भाजपा की संभावनाओं में नई जान आ सकती है।
अंत में, पवन सिंह का यह बयान और उनकी अमित शाह-जेपी नड्डा संग मुलाकात दर्शाती है कि वह अभी भी भाजपा से जुड़े हुए हैं, भले ही वह कभी पार्टी में वापस न लौटें। इस प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों से आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में कई उलटफेर देखने को मिल सकते हैं।
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Team The Odd Naari