उत्तराखंड: बिजली चोरी की बढ़ती समस्या से बना ऊर्जा प्रदेश!
The post ऐसी चोरी चकारी से तो उत्तराखण्ड बन गया ऊर्जा प्रदेश ! appeared first on Avikal Uttarakhand. चर्चित यूपीसीएल को लगा बिजली का जोरदार झटका! परफार्मेंस पर उठे सवाल लाख दावे के बाद भी बिजली चोरी नहीं रोक पा रहा यूपीसीएल फैक्ट्री के मीटर से छेड़छाड़ उजागर,… The post ऐसी चोरी चकारी से तो उत्तराखण्ड बन गया ऊर्जा प्रदेश ! appeared first on Avikal Uttarakhand.

उत्तराखंड: बिजली चोरी की बढ़ती समस्या से बना ऊर्जा प्रदेश!
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में बिजली चोरी ने ऊर्जा के एक समृद्ध प्रदेश बनने के सपने को धूमिल कर दिया है। हरिद्वार में एक बड़ी बिजली चोरी का मामला सामने आया है जो उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन (यूपीसीएल) के प्रदर्शन पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
देहरादून से मिली जानकारी के अनुसार, हरिद्वार जिले के गुरुकुल नारसन स्थित यूपीसीएल बिजली घर में वासू स्टील फैक्ट्री के मीटर से छेड़छाड़ की पुष्टि हुई है। इससे यह साबित होता है कि बिजली चोरी में स्थानीय प्रबंधन की मिलीभगत हो रही है।
यूपीसीएल को लगा झटका
यूपीसीएल ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अपनी टीम में तुरंत बदलाव करने का फैसला किया। निलंबित अधिकारियों में एसडीओ गुलशन बुलानी और JE अनुभव सैनी शामिल हैं। इसके साथ ही, उपनल कर्मचारी अकरम अली और अन्य पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
जांच में मिलीभगत का खुलासा
हाल ही में पुलिस ने बिजली घर के बाहर कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ने के बाद जांच शुरू की। पूछताछ के दौरान, इन लोगों ने फैक्ट्री के मीटर के साथ छेड़छाड़ की बात स्वीकार की। मापक टीम ने मौके पर पहुंच कर पुष्टि की कि मीटर में छेड़छाड़ की गई थी और उसे सील कर आगे की जांच के लिए भेजा गया।
यूपीसीएल पर सवाल उठाते हुए नागरिक
यूपीसीएल के प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि कर्मचारी गिरफ्तार हो सकते हैं, तो फैक्ट्री के मालिक को क्यों नहीं पकड़ा गया? इस संदर्भ में उन्होंने मुख्यालय को करोड़ों रुपये का चूना देने वाले फैक्ट्री मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
बिजली चोरी के आंकड़े
उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली चोरी की दर चिंताजनक है। मंगलौर, लंढौरा समेत कई शहरों में उच्च तकनीकी और वाणिज्यिक हानियां रिकॉर्ड की गई हैं। नियामक आयोग ने यूपीसीएल को इन हाई लॉस फीडर पर नियंत्रण की नसीहत दी थी, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
एनर्जी अकाउंटिंग ऑडिट का आदेश
यूपीसीएल के MD अनिल कुमार ने आदेश दिया है कि उच्च बिजली खपत वाली सभी स्टील फैक्ट्रियों और उद्योगों का एनर्जी अकाउंटिंग ऑडिट होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि बिजली का सही उपयोग हो रहा है और कहीं गड़बड़ी होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भविष्य की आशाएं और जन अपेक्षाएं
हालांकि, यूपीसीएल की नाकामी और बिजली चोरी के मामलों ने लोगों की उम्मीदों को तोड़ दिया है। अब जनता जनार्दन को उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।
यह घटनाक्रम सिर्फ बिजली की समस्या तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उत्तराखंड के विकास और इसकी ऊर्जा नीति पर भी प्रभाव डालता है। लोकल प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा, अन्यथा जनता के सपनों को निरंतर ठेस पहुंचती रहेगी।
Team The Odd Naari, प्रिया शर्मा
फिर भी, हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में कोई सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा।
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