अब प्रदेश में चलेगा ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान

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अब प्रदेश में चलेगा ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान

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17 दिसम्बर से होगी शुरुआत
न्याय पंचायत स्तर पर लगेंगे बहुउद्देशीय कैम्प

स्नो लेपर्ड टूर, हेली-स्कीइंग और हिमालयन कार रैली को मंजूरी

23 विभाग देंगे योजनाओं का लाभ

अविकल उत्तराखंड

देहरादून।  प्रदेश में 17 दिसम्बर से 45 दिनों तक ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान संचालित किया जाएगा।

अभियान के तहत प्रदेश की विभिन्न न्याय पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों में कैम्प आयोजित कर आमजन से जुड़ी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुँचाया जाएगा।

सीएम धामी के निर्देश के बाद अभियान में राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि, समाज कल्याण सहित कुल 23 विभाग भाग लेंगे। इस संबंध में सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर सचिव, सामान्य प्रशासन विनोद सुमन ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया गया है। पत्र में केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार तथा जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

17 दिसम्बर 2025 से आगामी 45 दिनों तक अभियान के तहत न्याय पंचायत स्तर पर कैम्प लगाकर ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करते हुए आवेदन प्राप्त कर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

यह कार्यक्रम न्याय पंचायत स्तर पर बहुउद्देशीय शिविरों के माध्यम से संचालित होगा। यदि कोई न्याय पंचायत अत्यधिक बड़ी है, तो उसे दो भागों में विभाजित कर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

शिविरों में उपस्थित लोगों को केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी तथा पात्र व्यक्तियों को मौके पर ही योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा।

कैम्प के उपरांत निकटवर्ती गांवों में अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर पात्र लाभार्थियों से आवेदन भरवाए जाएंगे, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित न रह जाए। इसके लिए विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश हैं।

जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कैम्प आयोजन से पूर्व मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। अधिकारियों की उपलब्धता के अनुसार प्रत्येक सप्ताह कम से कम 2 से 3 कार्यदिवसों में प्रत्येक तहसील की न्याय पंचायतों में कैम्प लगाए जाएं।

प्रयास रहेगा कि प्रत्येक सप्ताह जनपद की प्रत्येक तहसील की कम से कम एक न्याय पंचायत इस अभियान से आच्छादित हो। अभियान न्यूनतम 45 दिनों तक सभी न्याय पंचायतों में अनिवार्य रूप से संचालित किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर इसे आगे भी विस्तारित किया जा सकता है।

ग्राम स्तर पर पहले से यह सर्वे कराया जाएगा कि कौन-कौन से पात्र व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित हैं, ताकि भ्रमण के दौरान कमियों को दूर कर आवेदन प्रक्रिया पूरी कराई जा सके।

निर्देशों के अनुसार प्रत्येक सप्ताह आयोजित होने वाले किसी एक कैम्प में जिलाधिकारी की अनिवार्य उपस्थिति रहेगी, जबकि अन्य कैम्पों में मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी अथवा उपजिलाधिकारी उपस्थित रहेंगे। सभी नामित विभागों के अधिकारी कैम्प में अनिवार्य रूप से मौजूद रहेंगे और प्रयास रहेगा कि आमजन की समस्याओं का समाधान मौके पर ही किया जाए।

कैम्प से 2–3 दिन पूर्व सभी प्रकार के आवेदन पत्र ग्राम स्तर पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जनपद स्तर पर कैम्पों की कार्ययोजना एक सप्ताह के भीतर शासन को उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि शासन स्तर से औचक निरीक्षण किया जा सके।

प्रत्येक कार्यक्रम के उपरांत उसकी प्रगति एवं उपलब्धियों की जानकारी मीडिया को दी जाएगी तथा साप्ताहिक प्रगति आख्या मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय एवं सामान्य प्रशासन विभाग को अनिवार्य रूप से प्रेषित की जाएगी।


शीतकालीन पर्यटन को नई रफ्तार: स्नो लेपर्ड टूर, हेली-स्कीइंग और हिमालयन कार रैली को मंजूरी

‘वन डिस्ट्रिक्ट–वन फेस्टिवल’ से लेकर सरयू कॉरिडोर तक, पर्यटन व धार्मिक विकास पर बड़ा फोकस

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए स्नो लेपर्ड साइटिंग, हेली-स्कीइंग तथा हिमालयन कार रैली को तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने 20 दिसंबर तक शीतकालीन यात्रा के दृष्टिगत केएमवीएन एवं जीएमवीएन की सभी व्यवस्थाओं और सुविधाओं को दुरुस्त करने तथा होटल मालिकों के साथ बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपदों के प्रमुख पर्यटक स्थलों से जुड़ी सड़कें, होटल एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं पूर्ण रूप से दुरुस्त रहें। मुख्यमंत्री स्वयं सड़क मार्ग से यात्रा कर शीतकालीन पर्यटन व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इसके साथ ही शीतकालीन यात्रा से जुड़े हितधारकों के साथ दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने “वन डिस्ट्रिक्ट–वन फेस्टिवल” के तहत प्रत्येक जनपद में एक-एक भव्य महोत्सव आयोजित करने के निर्देश दिए, जो संबंधित जनपद की विशिष्ट पहचान बनेगा। इन महोत्सवों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रवासियों, ग्राम प्रधानों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही राज्य स्तर पर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के भव्य महोत्सव के आयोजन की भी घोषणा की गई, जिसमें देश-विदेश से विशिष्ट व्यक्तियों और प्रवासियों को आमंत्रित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री शनिवार देर रात्रि मुख्यमंत्री आवास में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के संबंध में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों एवं सभी जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बागेश्वर में सरयू कॉरिडोर के विकास के निर्देश दिए। साथ ही गंगोत्री की तर्ज पर सरयू नदी के उद्गम स्थल को धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बागेश्वर में ट्राउट मछली, कीवी एवं लाल चावल के उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए इनके प्रोत्साहन पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार, निजी संस्थानों, सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के संयुक्त प्रयास से अंतरराष्ट्रीय स्तर का भव्य योग महोत्सव आयोजित करने के निर्देश दिए। साथ ही पर्यटन योजनाओं के निर्माण में पर्यटकों, टूर ऑपरेटर्स, होटल व्यवसायियों एवं अन्य हितधारकों के फीडबैक को शामिल करने के निर्देश दिए, ताकि सुविधाएं पर्यटकों की अपेक्षाओं के अनुरूप विकसित की जा सकें।
बैठक में पौड़ी के पैठाणी स्थित राहु मंदिर एवं लाखामंडल मंदिर के सौंदर्यीकरण की कार्ययोजना को शीघ्र धरातल पर उतारने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही देवप्रयाग सहित राज्य के सभी प्रमुख प्रयागों एवं घाटों में भव्य आरती आयोजित करने और नए घाटों के विकास के निर्देश भी दिए गए।
सचिव पर्यटन ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लद्दाख मॉडल पर “स्नो लेपर्ड टूर” प्रारंभ किया जा रहा है। इसके तहत शीतकाल में गंगोत्री जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों को नियंत्रित रूप से पर्यटकों के लिए खोला जाएगा तथा गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान में प्रायोगिक तौर पर हिम तेंदुआ पर्यटन संचालित किया जाएगा। इसका उद्देश्य शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित करना है।
शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में चारधाम शीतकालीन यात्रा, साहसिक पर्यटन, सांस्कृतिक उत्सव एवं वन्यजीव पर्यटन को लेकर व्यापक कार्ययोजना लागू की जा रही है। इसके अंतर्गत रोड शो, डिजिटल व प्रिंट मीडिया प्रचार, सायंकालीन आरती का लाइव प्रसारण, विशेष टूर पैकेज तथा शीतकाल में होटल-रिसॉर्ट्स को शुल्क में रियायत जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, पंकज कुमार पांडे, शैलेश बगौली, सचिन कुर्वे, धीराज गब्र्याल, अपर सचिव बंशीधर तिवारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे, जबकि सभी जिलों के जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।

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