हादसा: लाइफ जैकेट बनी मौत की वजह। एनडीआरएफ जवान दर्दनाक मौत
चमोली/थराली, गिरीश चंदोला 19 अगस्त 2025। उत्तराखंड के चमोली जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। पिंडर नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ के जवान की मौत हो गई। जिस लाइफ जैकेट को अब तक सबसे सुरक्षित माना जाता था, वही उनकी मौत की वजह बन गई। हादसे की पूरी कहानी […] The post हादसा: लाइफ जैकेट बनी मौत की वजह। एनडीआरएफ जवान दर्दनाक मौत appeared first on पर्वतजन.

हादसा: लाइफ जैकेट बनी मौत की वजह। एनडीआरएफ जवान दर्दनाक मौत
चमोली/थराली, गिरीश चंदोला 19 अगस्त 2025। उत्तराखंड के चमोली जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर आई है। पिंडर नदी में एक रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ के एक जवान की दर्दनाक मौत हो गई। जिस लाइफ जैकेट के बारे में हमेशा यह माना जाता था कि वह सुरक्षित है, वही अब उनकी मौत का कारण बन गई है।
हादसे का विवरण
यह हादसा उस समय हुआ, जब एनडीआरएफ के दल ने पिंडर नदी में फंसे लोगों को बचाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया था। जैसे ही जवानों ने काम शुरू किया, एक जवान को लाइफ जैकेट के असुरक्षित स्थिति का सामना करना पड़ा। सूत्रों के अनुसार, रेस्क्यू के दौरान अचानक ट्रिगर हुई एक धार से उनका संतुलन बिगड़ गया, जिससे वह नदी में गिर गए। लाइफ जैकेट ने उन्हें बचाने में असमर्थता दिखाई, जिससे उनकी जान को खतरा बना।
लाइफ जैकेट की सुरक्षा और जांच
यह जानकर हालांकि चौंकाने वाला है कि इतनी बार उपयोग की गई लाइफ जैकेट ने एक जवान की जान ले ली। आम तौर पर, लाइफ जैकेट को बचाव के दौरान हमेशा एक महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है। स्थानीय प्रशासन अब हादसे की गहन जांच की प्रक्रिया में है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि क्या कोई तकनीकी खामी थी या मैनुअल गलती हुई थी।
एनडीआरएफ की भूमिका
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) हमेशा से आपात स्थितियों में जीवन बचाने का कार्य करता आया है। उनके साहस और कुशलता के लिए उन्हें देशभर में सराहा जाता है। हाल के दिनों में, एनडीआरएफ ने कई सफल रेस्क्यू ऑपरेशनों को अंजाम दिया है। इस हादसे ने न केवल एनडीआरएफ की क्षमता पर सवाल उठाया है, बल्कि स्थानीय समुदाय में भी चिंता का विषय बन गया है।
समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों और परिवार वालों का कहना है कि इस घटना ने उन्हें सदमे में डाल दिया है। मृतक जवान को याद करते हुए उन्होंने कहा, "वे हमारे हीरो थे। उनकी बहादुरी और समर्पण को कोई नहीं भुला पाएगा।" इस दुर्घटना के बाद, नेताओं और अधिकारियों को सुरक्षित उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का वादा किया गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
निष्कर्ष
इस दुर्घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या हम हमेशा सुरक्षित उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। एनडीआरएफ जैसे संस्थान जो हमारी सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जानी चाहिए। हमें इस हादसे से सिखने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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