क्या कभी नहीं सुधरेंगे भारत और चीन के रिश्ते? विदेश मंत्री जयशंकर ने कर दिया हैरान करने वाला दावा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन 2020 की गलवान घाटी झड़पों से तनावपूर्ण हुए संबंधों को फिर से बनाने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं। एशिया सोसाइटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि तनावपूर्ण संबंध किसी भी देश के लिए फायदेमंद नहीं हैं। एशिया सोसाइटी के अध्यक्ष और सीईओ और दक्षिण कोरिया के पूर्व विदेश मंत्री क्यूंग-वा कांग द्वारा संचालित एक सत्र के दौरान जयशंकर ने कहा, "यह सिर्फ खून-खराबा नहीं था, यह लिखित समझौतों की अवहेलना थी... जिन शर्तों पर सहमति बनी थी।इसे भी पढ़ें: Bangladesh Army Chief भारत के लिए करने वाले हैं ये बड़ा काम! चीन भागे यूनुसजयशंकर ने माना कि पिछले साल अक्टूबर से रिश्ते बेहतर हुए हैं, लेकिन कुछ चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि हम अभी भी इसके कुछ हिस्सों से निपट रहे हैं, ऐसा नहीं है कि यह मुद्दा पूरी तरह से खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि 2020 की झड़पों से हुए नुकसान को दूर करने के प्रयास जारी हैं, उन्होंने कहा कि हम वास्तव में, ईमानदारी से सोचते हैं कि यह हमारे आपसी हित में है। भारत और चीन ने अक्टूबर में पूर्वी लद्दाख में अंतिम दो टकराव बिंदुओं देपसांग और डेमचोक के लिए एक विघटन समझौता किया था। इसके कुछ दिनों बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कज़ान में वार्ता की, जिसके परिणामस्वरूप द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से निर्णय लिए गए। इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: पहले Beijing में Vasant Mela, फिर दोनों देशों के बीच अहम मुद्दों पर वार्ता, अब जयशंकर का बयान, तेजी से करीब आ रहे हैं India-Chinaगलवान झड़प का जिक्र करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि यह केवल टकराव नहीं था, यह लिखित समझौतों की अवहेलना थी...जिन शर्तों पर सहमति बनी थी, उनसे काफी दूर चले गए। हम अभी भी इसके कुछ हिस्सों से निपट रहे हैं, ऐसा नहीं है कि यह मुद्दा पूरी तरह से खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल अक्टूबर से भारत-चीन संबंधों में कुछ सुधार हुआ है। हम इसके विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहे हैं। मैं अपने (चीनी) समकक्ष से कई बार मिल चुका हूं, मेरे अन्य वरिष्ठ सहयोगी भी उनसे मिल चुके हैं।

क्या कभी नहीं सुधरेंगे भारत और चीन के रिश्ते? विदेश मंत्री जयशंकर ने कर दिया हैरान करने वाला दावा
क्या कभी नहीं सुधरेंगे भारत और चीन के रिश्ते? विदेश मंत्री जयशंकर ने कर दिया हैरान करने वाला दावा

क्या कभी नहीं सुधरेंगे भारत और चीन के रिश्ते? विदेश मंत्री जयशंकर ने कर दिया हैरान करने वाला दावा

The Odd Naari

लेखिका: सुमिता राव, टीम नेतानागरी

परिचय:

भारत और चीन के बीच संबंधों में हाल के समय में खटास बढ़ी है। हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कुछ हैरान कर देने वाले तथ्य प्रस्तुत किए, जिससे यह चर्चा पुनः तेज हो गई है कि क्या कभी दोनों देशों के रिश्ते सुधरेंगे? इस लेख में हम इस विषय पर बातचीत करेंगे और जयशंकर के दावों को गहराई से समझेंगे।

जयशंकर का दावा:

जयशंकर ने कहा कि "भारत और चीन के बीच रिश्ते सुधारने के लिए अभी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि सीमा पर गतिरोध और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक विवादों ने रिश्तों को और भी जटिल बना दिया है।

भारत-चीन संबंधों का इतिहास:

भारत और चीन के बीच कई दशकों से विवाद चल रहे हैं, जिसमें लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे क्षेत्र शामिल हैं। 1962 में हुई युद्ध ने इस रिश्ते को एक गंभीर मोड़ दिया। पिछले कुछ सालों में, दोनों देशों के बीच कई टकराव हुए हैं।

जयशंकर के चौंकाने वाले तथ्य:

जयशंकर ने कहा कि चीन की विस्तारवादी नीति और उसके द्वारा सीमा पर किए गए अतिक्रमण ने भारत के साथ रिश्तों को खतरे में डाल दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि चीन अपने व्यवहार में सुधार नहीं करता है तो रिश्तों में सुधार की संभावना बेहद कम है।

क्या सुधार की कोई संभावना है?

भारत की वर्तमान नीति चीन के प्रति सतर्क रहने की है। यह स्पष्ट है कि जब तक चीन अपने क्रियाकलापों में सुधार नहीं करता, तब तक रिश्तों में सुधार की तेज़ी की कोई उम्मीद नहीं है। युवाओं के लिए यह चिंता का विषय है, जबकि व्यापार और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग की अन्य संभावनाएं भी तलाशी जा सकती हैं।

निष्कर्ष:

जयशंकर का यह बयान एक स्पष्ट संकेत है कि भारत और चीन के रिश्तों में बड़ी चुनौतियाँ हैं। क्या हालात सुधारेंगे या और बिगड़ेंगे, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन यह चर्चा निश्चित रूप से आगे बढ़ती रहेगी। नीति, आपसी समझ और व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता है।

अधिक जानकारी के लिए, visit theoddnaari.com.

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