अखिलेश के समय आत्महत्या को मजबूर होते थे किसान, 86 लाख किसानों का योगी सरकार ने किया कर्जमाफ : कृषि मंत्री

लखनऊ, 20 अगस्त। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को किसानों के बारे में बोलने का कोई हक नहीं है। उनके शासनकाल में किसान न तो समय से बोआई कर पाते थे और न ही उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की सुविधा मिलती थी। उस दौर में कर्ज में डूबे 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपये योगी सरकार को माफ करने पड़े। यदि सपा सरकार इतनी ही किसान हितैषी थी तो किसानों को आत्महत्या क्यों करनी पड़ी।कालाबाजारी और जमाखोरी पर सरकार कस रही शिकंजाकृषि मंत्री ने साफ कहा कि प्रदेश में खाद और यूरिया की कोई कमी नहीं है। दिक्कत केवल जमाखोरी, कालाबाजारी और तस्करी करने वाले तत्व पैदा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 1196 फुटकर विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। 132 थोक विक्रेताओं को नोटिस, 13 को निलंबन और 4 का लाइसेंस रद्द किया गया है। 93 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। सीतापुर, बलरामपुर और श्रावस्ती के जिला कृषि अधिकारियों को निलंबित किया गया है। वहीं, महाराजगंज और सिद्धार्थनगर जैसे सीमावर्ती जिलों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग पकड़े गए हैं जिन्होंने बिना जोत के ही दर्जनों बोरी यूरिया उठा ली। मंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसे माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा।किसानों को हर हाल में मिलेगी खादसूर्य प्रताप शाही ने कहा कि राज्य सरकार हर किसान को समय से खाद और बीज उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह सक्रिय है। फिलहाल प्रदेश में 15 लाख 91 हजार मीट्रिक टन विभिन्न प्रकार के फर्टिलाइजर उपलब्ध हैं। खरीफ 2024 में अब तक 32 लाख 7 हजार मीट्रिक टन खाद की बिक्री हुई है, जो पिछले साल की तुलना में साढ़े चार लाख मीट्रिक टन अधिक है। उन्होंने कहा कि 15 से ज्यादा जनपदों में 10 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया की खपत हुई है, फिर भी कहीं कमी नहीं होने दी गई।रबी सीजन के लिए सरकार ने किये हैं बड़े इंतजामकृषि मंत्री ने बताया कि रबी 2025-26 सीजन के लिए इस बार 138.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती का लक्ष्य तय किया गया है। पिछले वर्ष 132.86 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की बुवाई हुई थी। इस बार 4 लाख हेक्टेयर का विस्तार किया जाएगा। किसानों को 10 लाख क्विंटल अनुदानित बीज उपलब्ध कराया जाएगा। गेहूं, जौ, मक्का, राई और अलसी समेत दलहन-तिलहन के बीज किसानों तक पहुंचाए जाएंगे। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए लगभग 12.80 लाख मिनी किट भी उपलब्ध कराई जाएगी। गन्ना किसानों को गन्ने के साथ ही दलहन-तिलहन की बोवाई के लिए प्रेरित किया जाएगा और उन्हें नि:शुल्क बीज उपलब्ध कराई जाएगी। फर्टिलाइजर की मांग और सब्सिडी की दी जानकारीशाही ने कहा कि रबी सीजन के लिए 41 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 17 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 7.08 लाख मीट्रिक टन एनपी, 1.78 लाख मीट्रिक टन एसएसपी और 2 लाख मीट्रिक टन पोटाश की मांग भारत सरकार से की जाएगी। उन्होंने बताया कि यूरिया पर केंद्र सरकार 1908 रुपये प्रति बोरी तक सब्सिडी दे रही है और किसानों को मात्र 266.50 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। अगर यह सब्सिडी न हो तो यूरिया की कीमत 2200 रुपये तक पड़ती। डीएपी, एनपी, एसएसपी और पोटाश पर भी सरकार बड़ी मात्रा में सब्सिडी दे रही है ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।खाद्यान उत्पादन और जीएसवीए में रिकॉर्ड बढ़ोतरीकृषि मंत्री ने दावा किया कि समय से खाद, बेहतर बीज और सिंचाई सुविधाओं के कारण प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन पिछले वर्षों की तुलना में करीब 200 लाख मीट्रिक टन बढ़ा है। इस समय यह 737 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। गन्ना उत्पादन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। किसानों की बढ़ी पैदावार का असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। कृषि क्षेत्र से जुड़े जीएसवीए में जबरदस्त उछाल आया है, जो सपा शासन के दौरान दो लाख करोड़ रुपये था और अब बढ़कर सात लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।किसानों को किया आश्वस्तप्रेस वार्ता के अंत में सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसानों को किसी भी हाल में निराश नहीं होने दिया जाएगा। राज्य सरकार और प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है। सीमावर्ती जिलों में खाद की तस्करी रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने दोहराया कि असली किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी, लेकिन जमाखोरी, कालाबाजारी और तस्करी करने वाले माफियाओं को हर हाल में सख्त कार्रवाई झेलनी पड़ेगी।पत्रकार वार्ता के दौरान राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख और कृषि विभाग के अधिकारीगण मौजूद रहे। *प्रेस वार्ता के महत्वपूर्ण बिंदु** प्रदेश में खरीफ 2024 का रकबा बढ़कर 105.93 लाख हेक्टेयर पहुंचा।* 2013-14 में खरीफ का रकबा 90.46 लाख हेक्टेयर था।* अब तक खरीफ रकबे में 15.47 लाख हेक्टेयर यानी 17% की वृद्धि।* वर्ष 2015-16 में कुल खेती 225.87 लाख हेक्टेयर थी।* 2024-25 में खेती का कुल क्षेत्र बढ़कर 274.22 लाख हेक्टेयर हुआ।* प्रदेश में खेती का दायरा 28.35 लाख हेक्टेयर बढ़ा।* खरीफ 2016 में 23 लाख मी.टन यूरिया की खपत।* खरीफ 2024 में यूरिया खपत 39 लाख मी.टन पहुंची।* यानी 8 साल में 16 लाख मी.टन यूरिया खपत बढ़ी।* 19 अगस्त 2025 तक 32.07 लाख मी.टन यूरिया किसानों ने खरीदा।* खरीफ सीजन खत्म होने में अभी 1 माह 10 दिन बाकी।* 01 अप्रैल 2025 को राज्य में यूरिया की उपलब्धता 12.52 लाख मी.टन थी।* अब तक भारत सरकार से 25.45 लाख मी.टन यूरिया मंगाया गया।* कुल 37.97 लाख मी.टन यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित।* इसमें से किसानों ने 32.07 लाख मी.टन खरीद लिया।* गतवर्ष इसी अवधि में 27.86 लाख मी.टन यूरिया बिका था।* इस बार 4.21 लाख मी.टन ज्यादा यूरिया उपलब्ध कराया गया।* वर्तमान में 6 लाख मी.टन यूरिया किसानों के लिए स्टॉक में मौजूद।* अब तक 1.52 करोड़ किसानों ने POS मशीन से अंगूठा लगाकर यूरिया खरीदा।* महराजगंज में 186 लोगों ने 1–2.37 मी.टन तक यूरिया खरीदा।* कु

अखिलेश के समय आत्महत्या को मजबूर होते थे किसान, 86 लाख किसानों का योगी सरकार ने किया कर्जमाफ : कृषि मंत्री
अखिलेश के समय आत्महत्या को मजबूर होते थे किसान, 86 लाख किसानों का योगी सरकार ने किया कर्जमाफ : कृषि मंत्री

अखिलेश के समय आत्महत्या को मजबूर होते थे किसान, 86 लाख किसानों का योगी सरकार ने किया कर्जमाफ : कृषि मंत्री

लखनऊ, 20 अगस्त। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को किसानों के बारे में बोलने का कोई हक नहीं है। उनके शासनकाल में किसान न तो समय से बोआई कर पाते थे और न ही उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की सुविधा मिलती थी। उस दौर में कर्ज में डूबे 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपये योगी सरकार को माफ करने पड़े। यदि सपा सरकार इतनी ही किसान हितैषी थी तो किसानों को आत्महत्या क्यों करनी पड़ी।

कालाबाजारी और जमाखोरी पर सरकार कस रही शिकंजा

कृषि मंत्री ने साफ कहा कि प्रदेश में खाद और यूरिया की कोई कमी नहीं है। दिक्कत केवल जमाखोरी, कालाबाजारी और तस्करी करने वाले तत्व पैदा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 1196 फुटकर विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। 132 थोक विक्रेताओं को नोटिस, 13 को निलंबन और 4 का लाइसेंस रद्द किया गया है। 93 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। सीतापुर, बलरामपुर और श्रावस्ती के जिला कृषि अधिकारियों को निलंबित किया गया है।

किसानों को हर हाल में मिलेगी खाद

सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि राज्य सरकार हर किसान को समय से खाद और बीज उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह सक्रिय है। फिलहाल प्रदेश में 15 लाख 91 हजार मीट्रिक टन विभिन्न प्रकार के फर्टिलाइजर उपलब्ध हैं। खरीफ 2024 में अब तक 32 लाख 7 हजार मीट्रिक टन खाद की बिक्री हुई है, जो पिछले साल की तुलना में साढ़े चार लाख मीट्रिक टन अधिक है। उन्होंने कहा कि 15 से ज्यादा जनपदों में 10 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया की खपत हुई है, फिर भी कहीं कमी नहीं होने दी गई।

रबी सीजन के लिए सरकार ने किये हैं बड़े इंतजाम

कृषि मंत्री ने बताया कि रबी 2025-26 सीजन के लिए इस बार 138.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती का लक्ष्य तय किया गया है। पिछले वर्ष 132.86 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की बुवाई हुई थी। इस बार 4 लाख हेक्टेयर का विस्तार किया जाएगा। किसानों को 10 लाख क्विंटल अनुदानित बीज उपलब्ध कराया जाएगा। गेहूं, जौ, मक्का, राई और अलसी समेत दलहन-तिलहन के बीज किसानों तक पहुंचाए जाएंगे।

फर्टिलाइजर की मांग और सब्सिडी की दी जानकारी

शाही ने कहा कि रबी सीजन के लिए 41 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 17 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 7.08 लाख मीट्रिक टन एनपी, 1.78 लाख मीट्रिक टन एसएसपी और 2 लाख मीट्रिक टन पोटाश की मांग भारत सरकार से की जाएगी। उन्होंने बताया कि यूरिया पर केंद्र सरकार 1908 रुपये प्रति बोरी तक सब्सिडी दे रही है और किसानों को मात्र 266.50 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है।

खाद्यान उत्पादन और जीएसवीए में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

कृषि मंत्री ने दावा किया कि समय से खाद, बेहतर बीज और सिंचाई सुविधाओं के कारण प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन पिछले वर्षों की तुलना में करीब 200 लाख मीट्रिक टन बढ़ा है। इस समय यह 737 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। गन्ना उत्पादन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। किसानों की बढ़ी पैदावार का असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है।

किसानों को किया आश्वस्त

प्रेस वार्ता के अंत में सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसानों को किसी भी हाल में निराश नहीं होने दिया जाएगा। राज्य सरकार और प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है। सीमावर्ती जिलों में खाद की तस्करी रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने दोहराया कि असली किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी, लेकिन जमाखोरी, कालाबाजारी और तस्करी करने वाले माफियाओं को हर हाल में सख्त कार्रवाई झेलनी पड़ेगी।

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यह जानकारी किसानों की भलाई के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सरकार ने किसानों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई पहल की हैं, जिससे उनकी समस्याओं में सुधार हो सके। इसके लिए प्रदेश की कृषि विकास योजनाओं का उचित कार्यान्वयन अत्यंत आवश्यक है।

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